• ABOUT US
  • DISCLAIMER
  • PRIVACY POLICY
  • TERMS & CONDITION
  • CONTACT US
  • ADVERTISE WITH US
  • तेज़ समाचार मराठी
Tezsamachar
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा
No Result
View All Result
Tezsamachar
No Result
View All Result

मतदान के प्रति जागरुक हों मतदाता

Tez Samachar by Tez Samachar
March 29, 2019
in Featured, विविधा
0
मतदान के प्रति जागरुक हों मतदाता

विश्व के सभी देशों में उसके नागरिकों के मन में अपने देश के प्रति असीम प्यार की भावना समाहित रहती है। इसी भावना उस देश की मतबूती का आधार भी होता है। जिस देश में यह भाव समाप्त हो जाता है, उसके बारे कहा जा सकता है कि वह देश या तो मृत प्राय: है या समाप्त होने की ओर कदम बढ़ा चुका है। हम यह भी जानते हैं कि जो देश वर्तमान के मोहजाल में अपने स्वर्णिम अतीत को विस्मृत कर देता है, उसका अपना खुद का कोई अस्तित्व नहीं रहता। इसलिए प्रत्येक देश के नागरिक को कम से कम अपने देश के बारे में मन से जुड़ाव रखना चाहिए। इजराइल के बारे में कहा जाता है कि वहां का प्रत्येक नागरिक अपने लिए तो जीता ही है, लेकिन सबसे पहले अपने देश के लिए जीता है। इजराइल में हर व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि देश के हिसाब से अपने आपको तैयार करे। इजराइल का हर व्यक्ति एक सैनिक है, उसे सैनिक का पूरा प्रशिक्षण लेना भी अनिवार्य है। यह उदाहरण एक जिम्मेदार नागरिक होने का बोध कराता है। इसी प्रकार विश्व के सभी देशों में राजनीतिक नजरिया केवल देश हित की बात को ही प्राथमिकता देता हुआ दिखाई देता है। वहां देश के काम को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाता है। अपने स्वयं के काम को बाद में स्थान दिया जाता है।
– जनता ही भारत की असली सरकार
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश माना जाता है। यहां के राजनेता मात्र जनता के प्रतिनिधि होते हैं। ऐसे में जनता को भी यह समझना चाहिए कि हम ही भारत की असली सरकार हैं। असली सरकार होने के मायने निकाले जाएं तो यह प्रमाणित होता है कि राजनेताओं से अधिक यहां जनता की जिम्मेदारियां कुछ ज्यादा ही हैं। लोकतंत्र का वास्तविक अर्थ यही है कि जनता को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए। अगर जनता सजग और सक्रिय नहीं रही तो राजनेता देश का क्या कर सकते हैं, यह हम सभी के सामने है।
– समाज में विरोधाभास अंग्रेजों की देन
भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद जिस परिवर्तन की प्रतीक्षा की जा रही थी, उसके बारे में उस समय के नेताओं ने भी गंभीरता पूर्वक चिन्तन किया, लेकिन देश में कुछ राजनेता ऐसे भी हुए जो केवल दिखावे के लिए भारतीय थे, परंतु उनकी मानसिकता पूरी तरह से अंग्रेजों की नीतियों का ही समर्थन करती हुई दिखाई देती थी। अंग्रेजों का एक ही सिद्धांत रहा कि भारतीय समाज में फूट डालो और राज करो। वर्तमान में भारतीय राजनीति का भी कमोवेश यही चरित्र दिखाई देता है। आज भारतीय समाज में आपस में जो विरोधाभास दिखाई देता है। उसके पीछे केवल अंग्रेजों की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। इस सबके लिए हम भी कहीं न कहीं दोषी हैं। हमने अपने अंदर की भारतीयता को समाप्त कर दिया। स्वकेन्द्रित जीवन जीने की चाहत में हमने देश हित का त्याग कर दिया।
भारतीयता का बोध कराना जरूरी
वर्तमान में भारतीय समाज में केवल पैसे को प्रधानता देने का व्यवहार दिखाई देता है। हमें यह बात समझना चाहिए कि केवल पैसा ही सब कुछ नहीं होता, जबकि आज केवल पैसा ही सब कुछ माना जा रहा है। इस सबके पीछे कही न कहीं हमारी शिक्षा पद्धति का भी दोष है। जहां केवल किताबी ज्ञान तो मिल जाता है, लेकिन भारतीयता क्या है, इसका बोध नहीं कराया जाता। इसको लिए एक बड़ा ही शानदार उदाहरण है, जो मेरे साथ हुआ। मैं एक बार जिज्ञासा लिए कुछ परिवारों में गया। उस परिवार के बालकों से प्राय: एक ही सवाल पूछा कि आप बड़े होकर क्या बनना चाहोगे। इसके जवाब में अधिकतर बच्चों ने मिलते जुलते उत्तर दिए। किसी ने कहा कि मैं चिकित्सक बनूंगा तो किसी ने इंजीनियर बनने की इच्छा बताई। इसके बाद मैंने पूछा कि यह बनकर क्या करोगे तो उन्होंने कहा कि मैं खूब पैसे कमाऊंगा। लेकिन एक परिवार ऐसा भी था, जहां बच्चे के उत्तर को सुनकर मेरा मन प्रफुल्लित हो गया। उस बच्चे ने कहा कि मैं पहले देश भक्त बनूंगा और बाद में कोई और। मैं कमाई भी करूंगा तो देश के लिए और इसके लिए लोगों को भी प्रेरणा दूंगा कि आप भी देश के लिए कुछ काम करें। एक छोटे से बालक का यह चिन्तन वास्तव में जिम्मेदारी का अहसास कराता है। लेकिन क्या हम केवल एक बालक के सोच के आधार पर ही मजबूत देश का ताना बाना बुन सकते हैं। कदाचित नहीं। हम सभी को यह सोचना चाहिए कि हम जो भी काम कर रहे हैं, उससे मेरे अपने देश का कितना भला हो रहा है।
– अपनी भूमिका का चिंतन करना चाहिए
हमारा देश लोकतांत्रिक है। इस नाते इस देश के लोक को ही देश बनाने की जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा। देश में होने वाले चुनावों में हमारी भूमिका क्या होना चाहिए, इसका गंभीरता से चिन्तन भी करना चाहिए। हम जैसा देश बनाना चाहते हैं, वैसे ही उम्मीदवारों को प्रतिनिधि के तौर पर चुनना हमारा नैतिक कर्तव्य है। देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसा करना जरुरी है। मतदान करना हमारा नैतिक कर्तव्य है आप सभी अपना मतदान करें और सही सरकार चुने ताकि देश भ्रष्टाचार रहित हो।
– पढ़े-लिखे नागरिक कम करते हैं मतदान
भारत देश का एक इतिहास है कि आम लोगो में से ही कुछ लोग ही अपना मतदान करते है? पढ़े लिखे नागरिक संपन्न लोग मतदान करना ही नहीं चाहते हैं। इनके मतदान नहीं करने से ही देश में भ्रष्टाचार का जन्म होता है ? अनपढ़ नागरिक अपना काम देहाड़ी छोड़ कर आते हैं और अपना मतदान करते हैं? हाँ यह जरुर है कि इनको नहीं पता की सही उम्मीदवार को वोट दिया है या गलत, इन्हें बस इतना पता होता है कि हम ने वोट दिया है? हमको मतदान करते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है कि हम अपने लिए सरकार बनाने जा रहे हैं। इसलिए स्वच्छ छवि वाले और देश हित में काम करने वाली सरकार को बनाना भी हम सबका नैतिक कर्तव्य है।
देश में राजनीति के प्रति लोगों की उदासीनता को देखते हुए देश में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाये जाने का संकल्प लिया गया है। पर क्या मात्र इस कदम से देश में मतदाताओं में कोई जागरूकता आने वाली है ? शायद नहीं क्योंकि हम भारत के लोग कभी भी किसी बात को संजीदगी से तब तक नहीं लेते हैं जब तक पानी सर से ऊपर नहीं हो जाता है। आज के समय में हर व्यक्ति सरकारों को कोसते हुए मिल जायेगा, पर जब सरकार चुनने का समय आता है तो हम घरों में कैद होकर रह जाते हैं। आज अगर कहीं पर कोई अनियमितता है तो वह केवल इसलिए है कि हम उसके प्रति उदासीन हैं। अगर हम अपने मतदान का प्रयोग करना सीख जाएँ तो समाज से खऱाब लोगों का चुन कर आना काफी हद तक कम हो सकता है। वास्तव में आज देश के मतदाताओं के लिए मतदान अनिवार्य किया जाना चाहिए। बिना किसी ठोस कारण के कोई मतदान नहीं करे तो उसे दंड देना चाहिए और संभव हो तो उसका मताधिकार भी छीन लेना चाहिए।

सुरेश हिन्दुस्थानी

102 शुभदीप अपार्टमेंट कमानीपुल के पास
लक्ष्मीगंज लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल 9770015780
Tags: awareness of votingElection-2019GwaliorSuresh Hindusthani
Previous Post

विश्व का पहला किन्नर विवाह सम्मेलन प्रारंभ

Next Post

सार्वजनिक शौचालयों में हो रही अवैध उगाही

Next Post
सार्वजनिक शौचालयों में हो रही अवैध उगाही

सार्वजनिक शौचालयों में हो रही अवैध उगाही

  • Disclaimer
  • Privacy
  • Advertisement
  • Contact Us

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • दुनिया
  • प्रदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाईफस्टाईल
  • विविधा

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.