मुंबई(तेज समाचार डेस्क). गांधी विचार मंच के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है. इसकी अलग परंपरा, कार्यशैली एवं पहचान रही है. लेकिन अत्याधुनिक संसाधनों की चाहत ने भारत की पहचान को ही खत्म कर दिया है. यही नहीं, अत्याधुनिक साधनों का उपयोग करने से देश में महंगाई बढ़ी है. अत्याधुनिक संसाधनों से समय की बजत जरूर हुई है लेकिन खर्च कई गुना बढ़ा है. जितने भी अत्याधुनिक संसाधन हैं, वे डीजल या पेट्रोल पर चलते हैं. गुप्ता बोरीवली पश्चिम स्थित मनपा प्राथमिक शाला में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत में इन पदार्थों का उत्पादन खपत के अनुपात में बहुत कम होता है, जिससे इन पेट्रोलियम पदार्थों के लिए हम विदेश पर निर्भर रहते हैं. ये देश अपनी सुविधा के अनुसार कीमत में कमी या वृद्धि करते रहते हैं. गुप्ता ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ पश्चिम देशों की देन है, जिसकी वजह से हमारे पारंपरिक साधन जैसे हल, बैलगाड़ी, रहट, कोल्हू बंद हो गए. इनकी जगह टैक्टर, कार, टैक्सी, बस, ट्रक ने ले ली है. धीरे-घीरे ये ईंधन समाप्त हो रहे हैं. यही कारण है कि महंगाई एवं बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है.
मनमोहन गुप्ता ने कहा कि हमारे देश में बहुमूल्य पदार्थ गंगा जल हैं, जो कभी समाप्त नहीं होता, भारत के तीनों तरफ समुद्र है. 12 माह सूर्य नारायण भाप और बादल बनाते हैं. जिससे बारिश होती है. लेकिन हम बारिश के पानी का सही ढंग से संबर्द्धन नहीं करते. इसलिए बारिश का पानी समुद्र में बह जाता है. बारिश के पानी को रोकने के लिए हर ग्राम पंचायत में एक बड़ा तालाब का निर्माण करना चाहिए. सभी तालाबों को आपस में पाइप लाइन से जोड़ देना चाहिए. गांवों को पीने एवं फसल के लिए मुफ्त में पानी मिलेगा. खेती बढे़गी और देश को डीजल नहीं घी मिलेगा. घी से बुद्धि प्रखर होगी, इंसान रूपी दीपक की बुद्धि जलेगी. जिससे हमारा देश विकास के पथ पर अग्रसर होता रहेगा.