लद्दाख (तेज समाचार डेस्क). लद्दाख सेक्टर में भीषण सर्दियों में भी लंबे टकराव के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. सेना ने यहां सर्दी और हालात से लड़ने के लिए पहले से ट्रेंड किए गए 35 हजार जवानों को तैनात किया है. न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ये जवान पहले ही ऊंचाई वाली जगहों और सर्दी के हालत में तैनात रह चुके हैं और हालात से लड़ने के लिए दिमागी तौर पर तैयार हैं. इसके उलट इस इलाके में तैनात चीन के सैनिकों के साथ ऐसा नहीं है. इन सैनिकों को मुख्य चीन के इलाकों से लद्दाख में तैनात किया गया है। इस वजह से ये ऊंचाई वाले इलाकों और भीषण ठंड के आदी नहीं हैं.
– कडाके की ठंड से बचाएगा एक्स्ट्रीम कोल्ड वेदर पोर्टेबल
सूत्रों के मुताबिक, सरकार लद्दाख में तैनात अपने भी सैनिकों को एक्स्ट्रीम कोल्ड वेदर पोर्टेबल केबिन मुहैया करवाएगी ताकि ये ठंड का मुकाबला कर सकें. ये सैनिक पहले से ही सियाचिन और पूर्वी-उत्तरी लद्दाख में तैनात रह चुके हैं। सर्दियों में लंबे समय तक ये मोर्चे पर डटे रहने के लिए दिमागी और शारीरिक रूप से तैयार हैं.
– अनिवार्य भर्ती के तहत सेना में आए चीन के जवान
पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने जिन सैनिकों को तैनात किया है, वह अनिवार्य भर्ती कार्यक्रम के तहत केवल 2-3 साल के लिए सेना में आए हैं. इसके बाद वे अपने सामान्य जीवन में लौट जाएंगे.
चीन के दावों का भारत ने किया था खंडन
चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया था कि लद्दाख में कई इलाकों से चीन की सेना पूरी तरह पीछे हट गई हैं और हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं. हालांकि, इसके बाद भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से आ रही कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि चीन का बयान सही नहीं है. चीन ने ये भी कहा था कि भारत हमारे साथ मिलकर बातचीत के दौरान बनी सहमतियों को लागू करने पर काम करेगा. अगली बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। लेकिन, अगली बैठक कब होगी, इसका जवाब चीन ने नहीं दिया था.