कोलकाता (तेज समाचार डेस्क). जब से देश में भाजपा की सरकार बनी है, तभी से भाजपा के सभी विरोधी दल एकजुट हो कर भाजपा को सत्ता से हटाने के प्रयासों में जुटे हुए है. जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे वैसे विपक्ष अपनी एकता को मजबूत दिखाने की भरसक कोशिश करता रहा है. विपक्ष के इस गठबंधन में शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कुछ भाजपा नेता भी इन विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे हैं. शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता दिखाने के लिए कोलकाता में महारैली का आयोजन किया. इस महारैली में कांग्रेस, बसपा, राकांपा, राजद समेत देश की 15 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अमित शाह पर जम कर भड़ास निकाली.
महारैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार की एक्सपायरी डेट करीब आ गई है. ममता ने सपा के अखिलेश यादव से कहा कि अखिलेश आप उप्र से भाजपा को जीरो कर दो, हम बंगाल से कर देंगे. यह जनता का फैसला है. ममता ने कहा कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा इससे मतलब नहीं, बस भाजपा को जाना चाहिए.
– सपा-बसपा गठबंधन से खुश है जनता : अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि जो बात बंगाल से चलेगी वो देश में दिखाई देगी. ये अच्छा हुआ कि 12 तारीख को सपा-बसपा और सहयोगी दलों का गठबंधन हो गया. देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इस रैली के बाद भी देश की जनता में एक खुशी की लहर दौड़ जाएगी.
– मोदी को मुद्दा न बनाएं : यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं है. हमारे लिए देश के लोगों के मुद्दे ही मुद्दा हैं. वे चाहते है कि हम मोदी को मुद्दा बनाएं, लेकिन हमें इससे बचना होगा. यह पहली सरकार है जो आंकड़ों से छेड़छाड़ करती है. भाजपा ने देश की हर संस्था को बर्बाद किया. सिन्हा ने कहा कि मंच पर मौजूद बैठे सभी ताकतवर नेताओं से आग्रह करता हूं कि मैं तो फकीरी की ओर हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए. बस मेरा एक ही लक्ष्य है कि इस सरकार को बाहर करें. इसके लिए जरूरी है कि सभी तय करें बीजेपी के प्रत्याशी के सामने हमारा एक ही उम्मीदवार खड़ा हो.
– हमें भाजपा को हराना होगा
गुजरात से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि विपक्ष के एकजुट होने का बड़ा संदेश है. 2019 में भाजपा और संघ को सत्ता से हटाने की चुनौती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को क्षेत्रीय दल जवाब देंगे. ममता इस रैली को भाजपा के लिए आम चुनाव में ‘मौत की दस्तक’ बता चुकी हैं.
– राहुल गांधी ने चिट्ठी लिख कर दिया समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता को चिट्ठी लिखकर रैली का समर्थन किया है. राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने कहा कि हम साथ खड़े होंगे, साथ लड़ेंगे और भाजपा के शासन को उखाड़ फेकेंगे. अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि देश के लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है. मैं यहां पर ममता दीदी के हाथों को मजबूत करने आया हूं. हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की इस सरकार में दलितों और आदिवासियों का शोषण हो रहा है. इसलिए क्षेत्रीय दलों को इन सांप्रदायिक ताकतों को जवाब देना पड़ेगा. हार्दिक पटेल ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह जनसैलाब एक ऐसी क्रांति लेकर आएगा, जिसकी कल्पना नहीं की गई होगी. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम एक होकर एक नया भारत बनाएंगे. इसके लिए भाजपा को सत्ता से हटाना होगा. जनता भी यही चाहती है. वह कह रही है कि अब मोदी सरकार नहीं चाहिए. हमें जनता के इस सपने को पूरा करना है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हमें अर्जुन की तरह सिर्फ एक ही लक्ष्य रखना होगा और वह यह कि भाजपा को किसी भी हालत में सत्ता में हटाना है. नेशनल कॉन्फ्रेंस फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस साल नई हुकूमत बनेगी, जो सबको साथ लेकर चलेगी. वह सभी संस्थाओं का सम्मान करेगी. आज देश के हर हिस्से में आग लगाई जा रही है. इस आग को बुझाने के लिए हमें इकट्ठे होना होगा. लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, कि देश संकट में है. किसान तबाह है. नौजवान बर्बादी की कगार पर है. दुकानदारों का कारोबार जीएसटी की वजह से खत्म हो गया. आज इतिहास का बहुत बड़ा मौका है. हमें इसे छोड़ना नहीं चाहिए. मोदी सरकार को हटाना हमारा ध्येय होना चाहिए.
– कुछ भी करो, मोदी-शाह को रोको : केजरीवाल
दिल्ली के अरविंद केजरीवाल ने कहा, कि कुछ भी करो, मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता में न आने दो. 2019 का चुनाव प्रधानमंत्री बनाने का नहीं, मोदी-शाह को भगाने का चुनाव है. इस देश में सच्चा देशभक्त है, जो इस देश के बारे में सोचता है, एक बात ठान लो, कुछ भी करना पड़े, इन्हें भगाओ.
– हमारी एकता का डर
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दूसरा स्वतंत्रता युद्ध होगा. मोदी को पता कि वे दोबारा प्रधानमंत्री नहीं चुने जाएंगे. मोदी जहां भी जाते हैं, विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं, वे विपक्ष से डर रहे हैं. इसलिए हमें अपशब्द बोल रहे हैं. वे हमारी एकता से डरे हैं.
– शत्रुघ्न सिन्हा ने भी बदला पाला
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मोदी के नोटबंदी के फैसले के चलते हजारों लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए लाइन में लगना पड़ा. कई लोगों को दिल का दौरा पड़ गया. नोटबंदी के असर से जनता उबरी ही नहीं थी कि सरकार जटिल टैक्स व्यवस्था जीएसटी ले आई. राफेल पर मेरे तीन सवाल हैं. 126 विमान खरीदे जाने थे तो 26 क्यों खरीदे गए? 500 करोड़ की बजाय 1600 करोड़ रुपए विमान क्यों खरीदे जा रहे? एचएएल को छोड़कर उस कंपनी (अनिल अंबानी की रिलायंस) को ठेका क्यों दिया गया जिस कंपनी ने साइकिल का चक्का तक नहीं बनाया. शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वह राफेल मुद्दे पर सफाई नहीं देंगे तो जनता कहेगी कि चौकीदार चोर है.
– राहुल, सोनिया और मायावती नहीं पहुंचीं
रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (जेडीएस), राकांपा प्रमुख शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन, राजद नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह, डीएमके नेता एमके स्टालिन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रैली में शिरकत की. गुजरात के कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी, पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा भी रैली में शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी और बसपा प्रमुख मायावती रैली में शामिल नहीं हुईं. भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और गेगांग अपांग भी मंच पर मौजूद थे.
– पूरे विपक्ष को मिला कर कुल 121 सीटें
केन्द्र की भाजपा सरकार के विरोध में शनिवार को देश के 14 दल एकजुट हुए, जिसमें कांग्रेस, तेदेपा, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, सपा, आम आदमी पार्टी, राजद, एआईयूडीएफ, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रालोद, द्रमुक, बसपा, लोकतांत्रिक जनता दल शामिल है. वर्तमान में इन सभी दलों की कुल 121 सीटें है.