नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). INX मीडिया केस में पूर्व गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को गुरुवारको कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने चिदंबरम को 19 सितंबर तक के लिए न्यायीक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है. इससे पहले चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. सीबीआई की जेल भेजने की अर्जी पर रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने मुहर लगा दी है. अब पी. चिदंबरम की तिहाड़ में रातें लकड़ी के सख्त तख्त पर गुजरेंगी. वहां न आरामदायक तकिया-गद्दा होगा और न ही एसी की ठंडी हवा. अभी तक चिदंबरम सीबीआई मुख्यालय की एयरकंडीशन इमारत में पुलिस रिमांड की रातें गुजार रहे थे, जहां सुविधाएं तिहाड़ से कहीं ज्यादा बेहतर थे.
– विचाराधीन कैदी रखे जाते हैं जेल नंबर-7 में
इससे पहले तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया था कि यूं तो आर्थिक मामलों के विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-7 में ही रखा जाता है. यह अलग बात है कि मौजूदा वक्त में 7 नंबर जेल में कोई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले का कैदी बंद नहीं है. एक कैदी जो बंद था भी करीब एक साल पहले उसे तिहाड़ की ही दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इस जेल में मौजूदा वक्त में करीब 650 कैदी बंद हैं. चूंकि आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े कैदियों की संख्या इस जेल में फिलहाल नगण्य ही है, लिहाजा ऐसे में तिहाड़ की 7 नंबर जेल को कुछ समय पहले तक बच्चा जेल भी बनाकर रखा गया था. साथ ही यह जेल बहुत ही संकरी है. इसके कमरे बहुत छोटे हैं. साथ ही इन दिनों इस जेल में महिलाओं से छेड़छाड़ या महिलाओं के साथ अन्य अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाने लगा है. इन हालातों में फिलहाल चिदंबरम जैसे हाई-प्रोफाइल कैदी को सात नंबर जेल के भीतर कैद रख पाना सुरक्षा के ²दृष्टिकोण से भी जेल प्रशासन को शायद मुनासिब न लगे.
– आम कैदियों की तरह रहेंगे जेल में
तिहाड़ जेल मुख्यालय से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया था कि चिदंबरम को जेल में रखने की बात है, तो जेल को कोई खास इंतजाम नहीं करने हैं. उन्होंने कहा कि, सब कुछ जेल मैनुअल के हिसाब से पहले से तय है. चूंकि चिदंबरम की उम्र 70 साल के आसपास है. लिहाजा कानूनन उन्हें जेल नंबर-एक की सेल में बंद किये जाने की भी प्रबल संभावना है. साथ ही सोने के लिए उन्हें लकड़ी का तख्त दिया जायेगा. यह भी तय है. साथ ही उन्हें कंबल भी जेल की तरफ से मुहैया कराया जायेगा. एयरकंडीशनर और गद्दे के इंतजाम का जेल मैनुअल में कहीं कोई जिक्र नहीं हैं.’
– मुझे इकोनॉमी की चिंता है : चिदंबरम
न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बारे में चिदंबरम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे केवल इकोनॉमी की चिंता है. राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने सरेंडर करने के लिए तैयार हैं. वे ईडी के सामने सरेंडर करेंगे और ईडी उन्हें हिरासत में ले लेगा. चिदंबरम ने भी कहा कि मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला. जब मैं ईडी के सामने सरेंडर को तैयार हूं तो मुझे जेल क्यों जाना चाहिए? इस पर सीबीआई की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारी दलील मानी है कि चिदंबरम सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
– अलग सेल में रखे जाएंगे चिदंबरम
विशेष जज अजय कुमार कुहार ने चिदंबरम को तिहाड़ भेजने के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि चूंकि पूर्व वित्त मंत्री को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए उन्हें तिहाड़ जेल में एक अलग सेल में रखा जाए. उन्हें अपने साथ दवाएं ले जाने की इजाजत रहेगी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी आश्वासन दिया कि जेल में चिदंबरम को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.
– सुप्रीम कोर्ट भी ईडी के दावों से सहमत
इससे पहले चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि मनी ट्रेल को उजागर करना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट भी भी ईडी के उस दावे से सहमत थी कि आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ जरूरी है. जमानत देने से जांच पर असर पड़ सकता है. सीबीआई की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाना चाहिए. वे ताकतवर इंसान हैं, इसलिए उन्हें खुला नहीं छोड़ना चाहिए. इस पर चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने सबूतों से छेड़छाड़ की, इसका कोई सबूत नहीं है.
– गिरफ्तारी से राहत नहीं
जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा शुरुआती तौर पर चिदंबरम भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किनपिंग लगते हैं. वे मौजूदा सांसद हैं, सिर्फ इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है. प्रभावी जांच के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है. इस मामले में गिरफ्तारी से राहत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा.
– एयरसेल-मैक्सिस केस में अग्रिम जमानत
सीबीआई अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस केस में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को अग्रिम जमानत दे दी. कोर्ट ने यह फैसला ईडी और सीबीआई दोनों से जुड़े मामलों में दिया है. साथ ही अदालत ने चिदंबरम और कार्ति को निर्देश दिया है कि वे जांच एजेंसियों का सहयोग करें. जज ओपी सैनी ने ईडी से कहा कि 2018 में केस दर्ज करने के बाद आपने जांच के लिए कई बार तारीखें बढ़वाई. जांच में वैसे ही काफी देरी हो चुकी है और शुरुआत से ही सभी दस्तावेज आपके पास हैं. इसकी कोई संभावना नहीं है कि चिदंबरम ने ऐसा कोई अपराध किया है, जबकि वे सरकार में किसी पद पर नहीं हैं. उन पर 1.13 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप गंभीर नहीं हैं. जबकि दयानिधि मारन के खिलाफ रिश्वत का आरोप है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया.