पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). जैसा कि तय माना जा रहा था, पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सबसे अहम माने जाने वाली स्थायी समिति सभापति पद का चुनाव औपचारिकता भर साबित हुआ. शुक्रवार को हुए चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस के पंकज भालेकर द्वारा नामांकन वापस लिये जाने से सत्तादल भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक संतोष लोंढे सभापति पद पर निर्विरोध चुन लिये गए. वे भाजपा शहराध्यक्ष एवं विधायक महेश लांडगे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं.
– राकां के पंकज भालेकर ने छोड़ा मैदान
पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पुणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल, जोकि इस चुनाव में निर्वाचन अधिकारी नियुक्त थे, की देखरेख में स्थायी समिति सभापति का चुनाव संपन्न हुआ. जैसा कि माना जा रहा है कि राष्ट्रवादी के प्रत्याशी पंकज भालेकर चुनाव के मैदान से पीछे हट जाएंगे, उन्होंने नामांकन वापसी की मियाद में अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके चलते निर्वाचन अधिकारी रूबल अग्रवाल ने संतोष लोंढे के निर्विरोध चुने जाने की घोषणा की. विधायक महेश लांडगे, महापौर ऊषा ढोरे, सभागृह नेता नामदेव ढाके, विपक्षी दल के नेता नाना काटे, उपमहापौर तुषार हिंगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे, शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे समेत अन्य पदाधिकारी व नेताओं ने लोंढे का स्वागत- सम्मान किया.
– भाजपा के सर्वाधिक 10 सदस्य मनपा तिजोरी की चाबियां संभालने वाली स्थायी समिति में 16 सदस्यों में संख्याबल के हिसाब से सत्तादल के 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस के चार, शिवसेना और भाजपा समर्थित निर्दलीयों के मोर्चा के एक- एक सदस्य हैं. गत माह विलास मडिगेरी, ममता गायकवाड, सागर आंगोलकर, राजेंद्र गावडे, करुणा चिंचवडे, नम्रता लोंढे और राष्ट्रवादी कांग्रेस की गीता मंचरकर, प्रज्ञा खानोलकर का कार्यकाल खत्म हो गया. उनकी जगह पर भाजपा के शशिकांत कदम, अंबरनाथ कांबले, संतोष कांबले, अभिषेक बारणे, भीमाबाई फुगे, सुवर्णा बोरुडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस की पौर्णिमा सोनवणे, सुलक्षणा धर शिलवन्त की नियुक्ति की गई है. इसके बाद आज नए सभापति का चुनाव संपन्न हुआ, जिसमें भाजपा के संतोष लोंढे निर्विरोध चुने गए.
– इस बार लांडगे गुट को मौका
गौरतलब हो कि गत तीन साल से लगातार भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप गुट के नगरसेवकों को स्थायी समिति सभापति पद मिला है. इस बार भोसरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक एवं शहराध्यक्ष महेश लांडगे गुट के नगरसेवक को मौका मिलना तय था. लांडगे गुट के संतोष लोंढे के साथ भीमाबाई फुगे, शीतल शिंदे औऱ अभिषेक बारणे भी रेस में थे. भाजपा के प्रदेश स्तर से लोंढे के नाम पर पसंद की मुहर लगा दी गई. संतोष लोंढे, विधायक लांडगे के उन कट्टर समर्थकों में से हैं जोकि जिन्होंने उन्हें विधायक बनाने में अहम भूमिका निभाई और अपने नगरसेवक पद की चिंता नहीं की. लांडगे ने भी उनसे किये गए वादे को पूरा कर उनके अपने बारे में लगाये जानेवाले ‘एकच वादा, महेशदादा’ नारे को फिर एक बार सच कर दिखाया.