पुणे (तेज समाचार डेस्क). जमीन हथियाने के लिए अपने ही दो सगे भतीजों की हत्या करने वाली बुआ समेत दस लोगों को पुणे सत्र न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुभाष के. कर्हाले ने यह फैसला दिया.
बता दें कि, 7 मई 2012 को पुरंदर तहसील के बहीरवाड़ी में हत्या की यह घटना घटी थी. मामले में आतकारवड़ी निवासी बाजीराव तथा मारुती पांगसे की हत्या होने की शिकायत अनिता बाजीराव पांगसे ने पुलिस में दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस ने जांच करते हुए मृत बाजीराव और मारुती की बुआ चिनकी भगत को गिरफ्तार किया. पांगसे बंधू तथा आरोपी चिनकी भगत की सिंहगढ़ के समीप डोणजे गांव में स्थित जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इसी जमीन के विवाद के लेकर चिनकी भगत समेत दूसरे आरोपियों ने कुल्हाड़ी, लोहे की सलाखें और हंसिए से पांगसे भाईयों पर हमला कर दिया. इस हमले में बाजीराव तथा मारुती पांगसे गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को फौरन सासवड के अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी. पुरंदर पुलिस ने मामले में चिनकी भगत समेत बहिरवाड़ी निवासी नामदेव दगडू भगत (62), चिनकी नामदेव भगत (52), ज्ञानदेव नामदेव भगत (31), श्रीनाथ नामदेव भगत, भोर निवासी मयूर दिलीप भेलके (25), समीर गुलाब किवले (25), आदर्श चंद्रकांत सागले (26), शरीफ हनिफ आतार (25), श्रीकांत शांताराम सणस (26), अनिकेत संपत मोरे (25) को गिरफ्तार कर लिया.
पुणे सत्र न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अतिरिक्त सरकारी वकील राजेश कावेड़िया ने 11 गवाहों को जांचा. सभी सुबूतों और गवाहों को जांचने के बाद सत्र न्यायाधीश कर्हाले ने सभी दस आरोपियों को दो बार उम्रकैद की सजा सुनाई.