मुंबई (तेज समाचार डेस्क): शनिवार सुबह विडवा क्वारी गांव में खूनी संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गई और दो व्यक्ति घायल हो गए। ये मामला एक ही परिवार से जुड़ा है और जमीन के बंटवारे तथा बदले की भावना ने इसे इतने खतरनाक अंजाम तक पहुंचा दिया। कहते है कि बदले की आग कभी बुझती नहीं है। इसका उदाहरण सिविल लाइन थाना क्षेत्र के क्वारी विडवा गांव में देखने को मिला जहाँ एक ही परिवार के दो गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। संघर्ष में पिता-पुत्र को ठीक उसी प्रकार आरोपियों ने मौत के घाटा उतारा, जैसे पिछले वर्ष 2020 में उन पिता-पुत्रों ने उनके पिता पर हमला किया था। उस समय हमले में पिता के हाथ पैरों में फैक्चर हो गया था। बाद में कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई।
साल भर पहले पिता राजमन गुर्जर (50 वर्ष) तथा पुत्र राधे गुर्जर (25 वर्ष) ने अपने परिवार के ही रामलखन गुर्जर पर हमला किया था। हमले का मुख्य कारण जमीन का बंटवारा बताया गया था। इस घटना में राजमन गुर्जर व उसके बेटे राधे ने रामलखन पर सरिया व डंडों से हमला कर उनके हाथ-पैर तोड़ दिए थे। उसके बाद उनको भी गोली मारी थी, लेकिन किस्मत से वह बच गए। इस घटना के ठीक एक साल बाद, रामलखन के बेटे जयराम गुर्जर, लक्ष्मण गुर्जर, ध्रुव, रामदीन, जगदीश,गिर्राज, सत्यभान, रघुराज व रामनिवास गुर्जर ने अपने पिता पर हमले का बदला लेते हुए शनिवार सुबह राजमन व राधे पर हमला बोल दिया। पहले उन दोनों पर लाठी व सरियों से हमला कर उनके हाथ-पैर तोड़े फिर बाद में गोली मार दी। इस घटना में उन्हें बचाने आए परिवार के अन्य सदस्य विष्णु गुर्जर व रामहरी गुर्जर भी गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। पिता राजमन व पुत्र राधे और विष्णु गुर्जर को ग्वालियर रैफर कर दिया गया था। बाद में राजमन व राधे की ग्वालियर में मौत हो गई, जबकि रामहरि को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना को लेकर पूरे गांव में चर्चा है कि जमीन का बंटवारा बाप-बेटे को ले डूबा। जमीन को लेकर पुरानी रंजिश न होती तो आज यह खूनी संघर्ष न हुआ होता। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस घटना में 9 आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। जिन लोगों के नाम मामला दर्ज किया है, उनमें जयराम गुर्जर, लक्ष्मण गुर्जर, ध्रुव गुर्जर, रामदीन, जगदीश, गिर्राज, सत्यभान,रघुराज व रामनिवास गुर्जर शामिल हैं।