बिजली बिल : ठाकरे सरकार ने दिया 31 मार्च तक का अल्टीमेटम
जामनेर (नरेंद्र इंगले): महाराष्ट्र की सत्ता मे आए महाविकास आघाडी सरकार ने घरेलू बिजली ग्राहको को बिलो के भुगतान के लिए 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है . बीते साल तालाबंदी के दौरान बिजली कंपनियो द्वारा मनमाने तरीके से आंके गए बिजली बिलो मे ठाकरे सरकार ने आम जनता को कोई राहत नही दी है . आज ग्रामीण और शहरी इलाको मे यह आलम है कि बिजली बोर्ड के कर्मी अपनी नोकरी बचाने के लिए लोगो से अपील कर रहे है कि वे 31 मार्च तक किश्तो मे बिजली बिलो का भुगतान कर दे . ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने वित्त मंत्री अजित पवार की बात काटकर बकाया बिल वसूली के लिए बोर्ड को आदेश देकर सरकार के अंदर के बेमेल को जाहिर कर दिया है . सरकार की कमजोर आर्थिक स्थिती के बावजूद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य को विकास की ओर अग्रणी रखने की बात कई बार कह चुके है तो फिर इस के लिए मनमाने बिजली बिलो को जनता से जबरन वसूलकर विकास का नया कीर्तिमान स्थापित करना सरकार की नीति हो सकती है ? कोरोना मे आर्थिक संकट को कमजोरी बताकर सरकार को जनता की जेब काटने की छूट मिल गई है ? वर्तमान स्थिती मे घरेलू उपभोक्ताओं से 70 फीसदी तक कि वसूली की जा चुकी है और शेष रकम के भुगतान के लिए 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है . मामले मे ऊर्जामंत्री राउत के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है .
तेजसमाचार ने इस विषय को लेकर शुरुवात से जनता की आवाज को सरकार तक पहुचाने की लगातार कोशिश की . बिजली दर आंकलन , वृद्धी , वसूली समेत तमाम तथ्यो के जांच की मांग इस लिए उठने लगी है की कोई बड़ा घोटाला उजागर होने की संभावना को नकारा नही जा सकता . उक्त समस्या को लेकर विपक्ष का आंदोलन मीडिया मे काफी लोकप्रिय हुआ बाद मे सिमट गया . जनता का आक्रोश अनदेखा कर दिया गया . सरकार मे ऊर्जा मंत्रालय संभाल रहे सहयोगी दल कांग्रेस के रवैय्ये के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शालीन प्रतिमा को क्षति पहुच रही है . कांग्रेस NCP पर निर्भर ठाकरे सरकार भितरघात का कोई चांस नही लेना चाहती जिससे कि सरकार हि खतरे मे आ जाए .