बिजली बोर्ड ने दिया ग्राहको को झटका : घरेलु बिलो मे कमाल का इजाफा
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): मार्च 2020 से लेकर जून महीने तक की चार महीने के बिजली बिलो के भुगतान रसीदे उपभोक्ताओ तक पहुच चुकी है !बिजली के इन बिलो ने घरेलू ग्राहको को कमाल का झटका दिया है ! बिजली बिल दुगना और तिगना आंका गया है ! कोरोना के कारण मार्च से लेकर अप्रैल और मई महीने तक राज्य का ओद्योगिक क्षेत्र बंद रहा ! दौरान बिजली का भार नियंत्रण नही किया गया लेकिन अब चार महीनो के बाद घरेलू ग्राहको पर पुरा आर्थिक भार लाद देने की कोशिश बोर्ड की ओर से की गई है ! तालाबंदी के बाद बिजली मीटर की रिडिंग आंकने के लिए ठेके पर दिया कामकाज पूरी तरह बंद था ! मार्च से लेकर जून तक रीडिंग लिया ही नही गया और अब अचानक से उपभोक्ताओ को चार महीने के बिल थमा दिए गए है ! इन बिलो मे रीडिंग को लेकर की गई अफरातफरी और बढ़े देयको को लेकर बोर्ड के ऑफिस जाने पर कर्मी कहते है कि आपके द्वारा बिजली का उपयोग यकीनन उतना किया गया होगा तभी बिल मे इजाफा हुआ है ! सोचने वाली बात है किसी घरेलू बिजली ग्राहक के घर मे अगर तीन पंखे तीन ट्यूब और एक फ्रिज टीवी वगैरा है हर महीने उसे 700 , 800 या फिर 1 हजार रुपया तक बिल आता रहा है और अचानक उसे चार महीने के बिल के रूप मे 10 हजार रुपयो का बिल थमा दिया गया हो तो इस स्थिती मे उस आम आदमी ने क्या करना चाहिए ! शिकायत करे तो बोर्ड कहता है कि बिजली का अतिरिक्त उपयोग किया गया होगा इसलिए किश्तो मे हि क्यो न हो बिल तो भरना हि पड़ेगा ! जानकारी के मुताबिक बीते साल की तर्ज पर वर्तमान बिलो को सेट किया गया है ! मुंबई मे कई सेलिब्रिटीज़ को टाटा , अदानी , बेस्ट इन कंपनियो ने भारी भरकम बिल थमाने की खबरे अखबारो की सुर्खियां बनी ! दुख इस बात का है कि आम आदमी तो सेलिब्रिटी नही है इसलिए मीडिया को उनकी समस्याए नजर नही आती ! किसी जमाने मे बिजली बोर्ड के खिलाफ आंदोलन कर जनता का हिमायती बनने वाले सैकड़ो हिरो छाप नेता आज बोर्ड की इस मनमानी पर चुप्पी साधे बैठे है ! कुछ दिनो पहले राज्य के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने इस मसले पर बात रखी लेकिन बिलो मे हुए मनमानी इजाफे को लेकर साफ साफ कुछ नही कहा ! तालाबंदी के कारण पीस चुके लोगो को इस तरह बिजली बिलो के झटके देने से जनता मे ठाकरे सरकार प्रति नाराजगी साफ झलक रही है ! मामले मे वाजिब बिजली बिलो के वितरण के साथ छूट की मांग जनता मे की जा रही है !
सड़को पर दौड़ने लगी GM एम्बुलेन्स – वेंटिलेटर के अभाव से 65 साल के कोरोना पोसिटिव बुजुर्ग के जान गंवाने के बाद स्वाभाविक रूप से सारा दोष प्रशासन पर मढ़ा गया ! उस दिन 108 मिलती तो शायद बुजुर्ग को बचाया जा सकता जैसी समीक्षा मीडिया मे लगातार जारी रही ! किसी ने जरा भी न सोचा की अगर GM अस्पताल कार्यान्वित होता तो मरीज को मिनटो के बीच वेंटिलेटर की सुविधा मिल जाती ! खैर उस घटना के बाद GM फाउंडेशन की कई एम्बुलेन्स शहर की सड़को पर दौड़ने लगी है ! फाउंडेशन की इस पहल से उपजिला अस्पताल प्रशासन को काफी मदत हो रही है और जनता मे यह उम्मीद भी जागी है कि अब GM अस्पताल जल्द से जल्द शुरू हो जाएगा !