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फेल द चेन : बाजारो मे उमड़ रही भीड़ , टेस्टिंग सेंटर पर अनुशासन हिनता का मंजर

Tez Samachar by Tez Samachar
April 22, 2021
in Featured, जलगाँव
0
Break the chain

फेल द चेन : बाजारो मे उमड़ रही भीड़ , टेस्टिंग सेंटर पर अनुशासन हिनता का मंजर

जामनेर (नरेंद्र इंगले): रेमडेसिवियर और ऑक्सिजन की किल्लत से जूझते महाराष्ट्र मे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से ” ब्रेक द चेन ” के जरिये अपनाएं जा रहे सभी निर्बंध फेल साबित होते नजर आ रहे है . जामनेर के बाजारो मे सुबह 8 से 11 बजे तक हजारो की संख्या मे आम नागरिक हर रोज मास्क पहनकर शॉपिंग तथा अपने अपने रोजगार या अन्य कामकाज के लिए सड़को पर उतरने है . भीड़ इतनी की मानो मेला लगा है . इसी भीड़ का हिस्सा रहे लोग भीड़ से अलग होने के बाद भीड़ की तस्वीरो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अपने यथार्थवादी आलोचक और सच्चे नागरिक होने का प्रमाण रखने के साथ अपना अनमोल सुझाव भी देते है कि अब पूर्ण लॉकडाउन होना चाहिए . 11 बजे संचारबंदी का ऐलान करता सायनेर बजता है . कार्रवाई के लिए निगम के 8 – 10 कर्मी नियम ताक पर रखकर एक हि वाहन मे ऐसे निकल पड़ते है की मानो किसी जंग का आगाज हो गया हो . 12 बजे तक जैसे तैसे पुरा मार्केट बंद कराया जाता है . उपजिला अस्पताल मे कोविड की टेस्ट कराने आने वालो का अनुशासन तो गजब का है यहां रैपीड और RTPCR टेस्ट के लिए कतार मे खड़े लोगो मे से कुछ तो पान , तंबाकू और गुटखा चबाते हुए अपने नंबर की प्रतीक्षा करते है . यह सब कुछ प्रशासन के लिए चिंताजनक और मानव समाज के लिए डरावना जरूर है पर है तो सच . ” ब्रेक द चेन फेल इन पब्लिक ” हो चुकी है .
सामान्य भीड़ की तुलना मे निर्बन्धों के कारण सीमित समयसीमा के दौरान इकट्ठा होने वाली कामकाजी भीड़ कोरोना संक्रमण के लिए अधिक खतरनाक साबित हो रही है . बीमारी को लेकर जनता मे जागरूकता अवश्य है लेकिन गंभीरता का अभाव भी कायम है . यह स्थिती पूरे राज्य मे देखी जा सकती है . वायरस का म्यूटेंट चेंज होने के बाद कोविड से ठीक होने वालो का परफॉर्मेंस 90 से गिरकर 81 फीसद पर आ पहुचा है . कोरोना से होनेवाली मौतो का आंकड़ा बढ़ा है . सरकार ने बेशक नियमो को कड़ाई से अमल मे लाया है लेकिन गरीबो की रोजीरोटी और उनकी दिनचर्या मे शामिल न चुकने वाली देनदारी के मद्देनजर सरकार की ओर से केवल पैकेज देने से काम नही चलेगा बल्की आर्थिक मामलो मे कुछ उदार और व्यापक फैसलो की आवश्यकता है . जिसके बाद पूर्ण लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप मे स्वीकारना जनता के बीच स्वागतप्रिय और सुखर होगा और ब्रेक द कोरोना के लिए जारी निरंतर प्रयासो को सफलता मिल सकेगी .
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