पुणे (तेज समाचार डेस्क): गोवा में एक सत्र अदालत ने बुधवार को कहा कि वह तरुण तेजपाल मामले में 21 मई को अपना फैसला सुनाएगी। तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी हैं।सरकारी अभियोजक फ्रांसिस तावोरा ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षमा जोशी ने कहा कि वह “बिजली गुल” हो जाने की वजह से आदेश नहीं सुना सकती हैं।चक्रवाती तूफान ताउते के कारण रविवार से गोवा के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है।यह तीसरी बार है जब अदालत ने मामले में अपने फैसले को स्थगित किया है।इससे पहले अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था।
12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था।अदालत ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था।बुधवार को, तेजपाल अपने वकीलों और परिवार के कुछ सदस्यों के साथ अदालत में मौजूद थे।मीडिया के लोगों को अदालत में प्रवेश से मनाही थी।राज्य की राजधानी पणजी के पास मापुसा नगर में स्थित अदालत के भवन के आस-पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।मामले में अदालत द्वारा फैसला टालने के बाद तेजपाल ने संवाददाताओं से बात नहीं की।गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं।
गोवा अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया।उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 376 की उपधारा दो (फ) (पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ महिला से बलात्कार) और 376 (2) (क) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।