हाई कोर्ट का आदेश : अवमानना मामले मे हेडमास्टर को 10 हजार का जुर्माना , जमानती वारंट जारी
जामनेर (नरेंद्र इंगले): जामनेर तहसिल एजुकेशन सोसायटी के अंदर पैरलल बॉडीस के उदय के बाद पनपे विवाद थमने का नाम नही ले रहे है . कई मामले औरंगाबाद हाई कोर्ट मे न्यायलंबीत है . शिक्षको से जुड़े मसलो पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना तो दिया है पर प्रशासन उसका पालन नही कर रहा है . संस्था के उपशिक्षक गणेश माली और नलिनी पाटील के केस मे हाई कोर्ट ने शिक्षको के हक मे फैसला सुनाया पर मुख्याध्यापिका ने अपनी ओर से कोर्ट के आदेशो का पालन नही किया . गणेश 2012 मे बतौर उपशिक्षक स्कूल मे नियुक्त हुए . 2015 मे स्कूल प्रबंधन ने उन्हे ग्रांटेड टीचर की श्रेणी मे शामिल किया जिसे माध्यमिक शिक्षाअधिकारी ने नकार दिया . गणेश हाई कोर्ट पंहुचे कोर्ट ने प्रशासन और स्कूल के मुख्याध्यापक से कहा कि गणेश के मनोनन को शालार्थ प्रणाली मे समावेश कर उन्हे उनका वेतन अदा कर दिया जाए . शिक्षा अधिकारी ने तत्कालीन HM बी आर चौधरी तथा वर्तमान HM को स्मरण पत्र देकर कोर्ट के आदेश को अमल मे लाने बाबत सूचित किया . बावजूद HM ने अपनी ओर से किसी भी प्रशासनिक कामकाज को अंजाम नही दिया . गणेश ने सितंबर 2020 मे न्यायिक अवमानना याचिका फाइल की . बार बार तलब करने पर भी मुख्याध्यापिका प्रतिभा नरवाड़े कोर्ट के समक्ष पेश नही हुई . आखिर S V गंगापुरवाला और श्रीकांत कुलकर्णी की डिविजनल बेंच ने कोर्ट की अवमानना के आरोप मे HM प्रतिभा नरवाड़े को 10 हजार रुपए जुर्माना और जमानती वारंट जारी कर दिया है . विदित हो कि शिक्षिका नलिनी पाटील द्वारा दायर अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई मे भी कोर्ट ने नरवाड़े को 10 हजार रुपए जुर्माना और जमानती वारंट जारी किया था .