हैदराबाद (तेज समाचार डेस्क). हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी अभी भी है, लेकिन टीआरएस की जीत लगभग तय हो चुकी है. लेकिन इस स्थानीय चुनाव में भाजपा ने जो चुनौती टीआरएस को दी है, वह चर्चा का विषय बनी हुई है. अब तक की काउंटिंग में तेलंगाना राष्ट्रवादी समिति (TRS) सबसे आगे है. उसे 50 सीटें मिल चुकी हैं. 6 सीट पर पार्टी आगे है. सबसे ज्यादा फायदे में भाजपा रही. उसे 40 सीट मिल चुकी हैं और 9 पर वह आगे चल रही है. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM को तीसरे नंबर पर धकेल दिया गया है. AIMIM को 41 सीटें मिली हैं. एक पर वह आगे है. कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिली हैं.
शुक्रवार सुबह 8 बजे 150 सीटों के शुरुआती रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी नजर आ रही थी. उसे 79 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही थी. वहीं, पिछला चुनाव जीतने वाली TRS 35 पर सिमटती दिखी. इसके बाद दोपहर करीब एक बजे खेल पलट गया. TRS ने यहां बढ़त बना ली. यह बढ़त आखिर तक बनी रही. हालांकि भाजपा के उभार से सबसे ज्यादा नुकसान TRS को ही हुआ है. पार्टी को पिछले चुनाव में 99 सीटें मिली थीं. इस बार वह 60 सीटें भी नहीं जीत पाई.
कारगर रहा शाह का मोर्चा
गृह मंत्री अमित शाह 29 नवंबर को हैदराबाद पहुंचे थे. वे चार मीनार पर स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर गए और सिकंदराबाद में रोड शो किया था. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TRS सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि, चंद्रशेखर राव (KCR) जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. लोकतंत्र में किसी भी पार्टी से समझौता या गठबंधन किया जा सकता है. दिक्कत है कि आपने एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लीं. ओवैसी की तरफ से अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों के शहर में होने के सवाल पर शाह ने कहा था, जब मैं एक्शन लेता हूं, तो वे संसद में बवाल करते हैं. उनसे कहिए कि मुझे लिखकर दें कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को निकाला जाना है.