जामनेर (नरेंद्र इंगले). तालाबंदी मे आंके गए मनमाने बिजली बिलो की वसूली लगभग पूरी कर हि ली गई कि आखरी किश्त की रकम भरने के लिए बिजली बोर्ड ने कल 30 जुलाई की तारीख मुकर्रर कर दी है . आम लोग बिजली बोर्ड के इस सख्त रवैय्ये से काफी आक्रोशित है . बकाया वसूली तहत जो कनेक्शन काटे गए है वहा अब खंभों की नंगी तारो पर आंकड़े दिखाई पड़ने लगे है जो बोर्ड की देन है . खुद का राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए लोकतंत्र के नाम पर महाराष्ट्र मे बनाई गई तीन पार्टीयो की उद्धव ठाकरे सरकार पूरे देश मे सबसे महंगी बिजली बेचने वाली सरकार बन चुकी है .
ऊर्जा मंत्रालय गरीबो की मसीहा कहि जाने वाली पार्टी कांग्रेस के पास है . आए दिन बिजली बोर्ड के दफ्तरो मे मनमाने बिजली बिलो को लेकर नागरिको की उन लिखित शिकायतो ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है जिनकी कोई सुनवाई नही हो रही है . इस मसले पर किसी समय सड़क पर उतरी भाजपा ने आज कमाल की चुप्पी साध ली है . एक ग्राहक को 6 यूनिट के लिए 415 रु का बिल थमाया गया है . कुछ दिनो पहले जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटील ने वसूली को लेकर बोर्ड को दिए आदेश कचरे के डब्बे मे फेंक दिए गए है .
राज्य के कई जिलो मे बकाया वसूली करने जा रहे बोर्ड़ कर्मीयो और अधिकरियो को जनता के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है . सोलापुर जिले मे तो कुछ दिनो पहले तोड़ू कार्रवाई से आहत युवक ने आत्महत्या कर ली . फिर भी ठाकरे सरकार नही जाग रही है . मीडिया से यह मुद्दा गायब कर दिया गया है उसकी जगह मुख्यमंत्री की लोकप्रियता का आंकलन करने वाले मैगसीन्स के रैंकिंग संदर्भो की खबरो ने ले ली है . ठाकरे सरकार की आलोचना मे आम आदमी खुलकर तत्कालीन फडणवीस सरकार का समर्थन करते नजर रहा है .
वित्तीय संकट और केंद्र के पक्षपात के आड़ मे मानो ठाकरे सरकार को जनता की जेब काटने का फार्मूला हि मिल गया हो . बिजली बिलो की समस्या जो भयानक शक्ल ले रही है वह सरकार के असमन्वय और मंत्रियो की वादाखिलाफी का नतीजा है . गरीब और मिडल क्लास अपनी पूरी कमाई के पैसो से और कुछ न मिला तो घर मे पड़ा कबाड़ बेचकर बिजली के मनमाने बिल भर कर ठाकरे सरकार की लूटनिति को इस लिए बर्दाश्त रहा है ताकी भले ही लोग तबाह हो जाए पर राज्य सरकार मे शामिल तीनो पार्टीयो के कथित लोकतंत्र को बचाया जा सके .