नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े किसानों के साथ सरकार लगातार बातचीत कर रही है. किसान संगठनों को 20 पेज का लिखित प्रस्ताव भेजा गया है. सरकार ने इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से लेकर पराली जलाने तक पर किसानों को आश्वासन दिया है. सरकार का कहना है कि वह इनमें संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी सूरत में कानून रद्द नहीं किए जाएंगे.
– एमएसपी पर सर्वाधिक विवाद
20 पेज के इस प्रस्ताव में किसानों की शंकाओं का समाधान करने की कोशिश की गई है. एमएसपी पर सबसे ज्यादा विवाद हो रहा था. इस पर केंद्र ने कहा कि MSP व्यवस्था खत्म नहीं हो रही है और सरकार इस पर लिखित आश्वासन देगी. यही नहीं, किसान मौजूदा बिजली दर पर ही भुगतान जारी रख पाएंगे और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
– कृषि भूमि पर कब्जे को लेकर स्पष्ट प्रावधान
मंडी व्यवस्था पर भी केंद्र सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा है. कृषि भूमि की कुर्की के संबंध में कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया गया और इस पर विचार करने की बात कही गई है. किसानों की भूमि पर बड़े उद्योगपतियों के कब्जे की आशंका पर सरकार ने कहा कि इस पर प्रावधान पहले से ही स्पष्ट हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि किसान की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीदार द्वारा किसी प्रकार का कर्ज नहीं लिया जा सकेगा और न ही ऐसी संरचना वह बंधक रख पाएगा.
– किसानों की ओर से सस्पेंस बरकरार
सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार करते हुए अपना रुख तो जाहिर कर दिया है, लेकिन किसान क्या इसे मानेंगे इसको लेकर सस्पेंस है. किसान नेता कानून वापस लेने से कम पर राजी नहीं हैं. किसान नेताओं का कहना है कि वे पहले इसे पढ़ेंगे और अन्य किसानों के बीच में चर्चा करेंगे. इसके बाद, कोई भी फैसला लिया जाएगा.
– अमित शाह ने खुद संभाला है मोर्चा
बता दें कि कृषि मंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ किसानों की बातचीत के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को खुद मोर्चा संभाला था. उन्होंने देर रात तक 13 किसान नेताओं के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद किसान नेता ने कहा था कि सरकार ने कानून वापस लेने से इनकार कर दिया है.
– कानून रद्द करने पर अड़े हैं किसान
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”किसान संघों ने विवादित कृषि कानूनों में संशोधन से संबंधित सरकार का मसौदा प्रस्ताव प्राप्त किया है.” वहीं, सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए. यह हमारी मांग है. प्रस्ताव में सिर्फ संशोधन की बात है तो फिर हम उसे खारिज कर देंगे.