पिंपरी (तेज समाचार डेस्क). एक गुंडे के जेल से रिहा होने पर उसके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में फोर-व्हीलर गाड़ियों एवं युवाओं की भारी भीड़ जमा हो गई. चार साल तक मकोका के तहत सजा काटकर जेल से रिहा होने वाला अपराधी युवाओं का आदर्श कैसे हो सकता है? यह सवाल उठाते हुए पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने आलंदी में शहर के युवाओं को लेकर चिंता जताई.
कृष्णप्रकाश ट्रैफिक विभाग के 32वें मार्ग सुरक्षा अभियान को लेकर आलंदी में जनजागरण हेतु निकाली गई वारकरियों, स्टूडेंट्स एवं युवाओं की रैली को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ सहित ग्रामीण भागों की स्थिति गंभीर है. पीढ़ी के समक्ष युवाओं को बचाना एक चुनौती है, हत्या के दो मामलों में निर्दोष बरी होने के बाद कुख्यात गुंडे गजानन मारणे के समर्थकों ने उसके साथ जुलूस निकाला. पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर उसे टोल नाके पर मारणे के समर्थकों ने आतिशबाजी करते हुए गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठी करते हुए दहशत का माहौल बनाने की कोशिश की. कई गंभीर मामलों का दोषी तथा चार साल तक जेल में रहा अपराधी युवाओं का आदर्श कैसे हो सकता है?
यह युवाओं के भविष्य के प्रति चिंतित करने वाला सवाल है. आयुक्तालय का चार्ज संभालने के बाद मैंने महसूस किया कि यहां मुलशी पैटर्न बहुत प्रचलित है. मैंने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया. यह फिल्म मैंने तीन बार देखी. इतना ही नहीं, मैंने फिल्म के डायरेक्टर प्रवीण तरडे के साथ भी यह फिल्म देखी. अपराध का अंत क्या होता है, यह इस फिल्म में दिखाया गया है. फिर भी युवा पीढ़ी विपरीत दिशा में क्यों बढ़ रही है.
सीपी कृष्ण प्रकाश ने कहा कि युवाओं को पैसा, गाड़ियां व इंटरनेट जैसे साधन आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. यही उन्हें विपरीत दिशा में बढ़ाने की मुख्य वजह है.