सांगली (तेज समाचार डेस्क). हमारे धर्म ग्रंथों में जिन लोगों को अनादी काल तक जीवित रहने का आशीर्वाद मिला है, उनमें से एक हैं प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी. हनुमान जी के प्रति न सिर्फ मनुष्य आस्था रखते हैं, बल्कि पशु पक्षी भी उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं. ऐसे अनेकों उदाहरण आज हमें सोशल मीडिया के जरिए देखने सुनने को मिलते हैं. ऐसी ही एक चौंकानेवाली घटना सांगली जिले के मिरज तालुका स्थित गुंडेवाड़ी गांव में सामने आई है. यहां शनिवार की सुबह गांव में प्राचीन दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में एक बंदर आया. उसने बजरंगबली की मूर्ति के समक्ष दंडवत प्रणाम किया और उसके बाद अपने प्राण त्याग दिए. शनिवार का दिन हनुमान जी की आराधना का दिन होने के कारण इस समय मंदिर में अनेक लोग उपस्थित थे, जो इस घटना का गवाह बने. अनेक लोगों ने इस घटना को अपने मोबाइल में भी कैद कर लिया. हनुमान जी के दर्शन करने के बाद, वानर द्वारा प्राण त्यागने की इस घटना की चारो ओर चर्चा शुरू हो गयी है.
– 5 साल पहले हुआ था मंदिर का जीर्णोद्धार
गुंडेवाड़ी में प्राचीन मारुति मंदिर को पांच साल पहले जीर्णोद्धार किया गया था. मंदिर के बगल में कई बंदर पेड़ों पर बैठे रहते हैं. यहां शनिवार को लोग बड़े भक्ति भाव से बजरंगबली की पूजा अर्चना करते हैं. गत सप्ताह शनिवार को मंदिर में एक बंदर आया और उसने बजरंग बली के सामने दंडवत प्रणाम किया और वहीं अचेत होकर गिर गया. गांव के ग्रामीण तब हैरान रह गए जब एक बंदर कई भक्तों के सामने मूर्ति के सामने झुक गया और बजरंबली को प्रणाम करने लगा. भक्ति का यह दृश्य देख सब हैरान रह गए.
– काफी देर तक द्वार पर बैठा रहा
इसके बाद पूरे गांव में खबर फैल गई कि शनिवार को बंदर मंदिर में आया और हनुमान की मूर्ति को प्रणाम किया. तभी उसे देखने के लिए मंदिर में काफी भीड़ जमा हो गई. मंदिर के द्वार पर बैठे बंदर को देखने भक्तों की चारों ओर लंबी कतार लगा गई. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर में प्रवेश करने के बाद बंदर दंडवत प्रणाम किया. इसके बाद मंदिर की दहलीज के पास काफी देर तक बैठा रहा. हालांकि थोड़ी देर बाद उसने हिलना- डुलना बंद कर दिया. जब ग्रामीणों ने करीब से देखा तो पता चला कि बंदर का देहांत हो चुका था. बाद में ग्रामीणों ने मंदिर के पास मृत बंदर का अंतिम संस्कार किया.