मणिपुर (तेज समाचार डेस्क). अभी दो देशों के बीच सेनाओं द्वारा गोलीबारी की खबरें आपने सुनी होगी, लेकिन अब देश में दो राज्यों की पुलिस ही सीमा विवाद को लेकर आपस में भिड़ गई और मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस के पांच जवानों को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
दशकों से चला आ रहा विवाद
वर्तमान नक्शे के अनुसार मणिपुर के लुशाई हिल्स, असम के कछार और मिजोरम के ट्राईजंक्शन सीमा साझा करता है, लेकिन मिजोरम सरकार इन सीमाओं को स्वीकार नहीं करती। ये मुद्दा दशकों से चल रहा है लेकिन इसे हल करने के प्रयास किसी अन्य सरकार ने नहीं किए। वहीं अब केन्द्र की मोदी सरकार इन सभी विवादों को हल करने के लिए कदम उठा रही है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह जब पूर्वोत्तर के दौरे पर थे, तो उन्होंने इस मामले को हल करने की नीयत से ही NDA शासित पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ बैठक की थी।
कुछ लोग नहीं चाहते विवाद का हल निकले
गृहमंत्री के दौरे के कुछ दिन बाद ही यहां दो राज्यों की पुलिस के बीच गोलीबारी की घटना और हत्या ने ये स्पष्ट किया है कि कुछ लोग ऐसे हैं; जो नहीं चाहते कि सीमा विवाद का हल हो। मणिपुर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के पांच जवानों की मृत्यु हुई है, तो वहीं कई जवान घायल भी हुए हैं। मणिपुर पुलिस का कहना है कि असम पुलिस के जवान उनके क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे। अचानक हुए एस घटनाक्रम से पूर्वोत्तर के राज्यों का सीमा विवाद देश के लिए संवेदनशील मुद्दा बन गया है क्योंकि दोनों ही राज्य अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी साझा करते हैं।
हत्या के बाद मिजोरम पुलिस का जश्न मनाना शर्मनाक
मिजोरम के पुलिस कर्मियों ने जो किया वो निश्चित तौर पर भारतीय कानून का उल्लंघन है, और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। इस घटना पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, “असम पुलिस के 5 जवानों की मौत के बाद मिजोरम पुलिस के जवान और गुंडे जश्न मना रहे हैं, जो कि भयावह और दुखद है।” उन्होंने दावा किया है कि पुलिस ने मशीन गन का इस्तेमाल किया है, जो कि मिजोरम पुलिस की मंशा को स्पष्ट करता है। लाइट मशीन गन का किया गया ये प्रयोग दुर्भाग्यपूर्ण है।
मिजो नागरिक के उत्पीड़न का आरोप
इसके इतर मिजोरम के मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान आकर्षित करते हुए ट्वीट किया और बताया कि असम के लोगों ने मिजो नागरिक का उत्पीड़न किया है। उन्होंने लिखा, “कछार के रास्ते मिजोरम आ रहे मिजो नागरिक के साथ असम के ठगों और गुंडों ने मारपीट की, क्या आप इसे कैसे सही ठहराएंगे?” साफ है कि इस मामले में मिजोरम और असम दोनों ने ही अपनी सफाई देना शुरु कर दिया है। वहीं वर्षों तक इस मामले को हल न करने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के बाद तुरंत ही राजनीतिक नौटंकियां शुरु कर दी हैं।
मोदी सरकार को चाहिए कि वह बरसों से चल रहे इस सीमा विवाद को हल करे। पूर्वोंत्तर राज्यों में विकास की लहर चलाने के लिए मोदी सरकार यहां विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट्स लगा रही है, जो कि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मददगार है। ऐसे में अब मोदी सरकार के लिए ये सीमा विवाद का मुद्दा हल करना आवश्यक है।