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मुरैना- डेढ़ साल से इंसाफ के लिए भटक रहा है वृद्ध पिता, ससुराल में हुई थी बेटे की संदिग्ध मौत

राजीव राय by राजीव राय
September 21, 2025
in Featured
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पदोन्नति
मुरैना  (तेज समाचार डेस्क): एक पिता अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए डेढ़ साल से दर दर भटक रहा है, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। बेटे की उसके ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी और पिता का कहना है कि पुलिस इतने वक्त बाद भी सिर्फ टालमटोल ही कर रही है।
मुरैना के सबलगढ़ तहसील के गोड कॉलोनी के रहने वाले 60 वर्षीय मनीराम शाक्य के बेटे पुत्र कालीचरण शाक्य की मौत 9 फरवरी 2020 में उसके ससुराल में संदिग्ध हालात में हुई थी। इसके बाद से ही मनीराम शाक्य का आरोप है कि उसके बेटे की मौत के पीछ उसके ससुरालवालों का हाथ है। इस वृद्ध पिता का कहना है कि 8 फरवरी 2020 को कालीचरण के साथ वो खुद भी उसके ससुराल वालों के बुलावे पर एक शादी में शामिल होने वहां गए थे। लेकिन जब वो बेटे की ससुराल ग्राम बुडहेरा तहसील जौरा पहुंचे ससुराल पक्ष के कुछ लोग उसके बेटे को जबरदस्ती दूसरे कमरे में ले गए। वहां ससुराल वालों ने (बीकाम सिंह, अमर सिंह आदि) ने कालीचरण को डरा धमका कर दूध पीने को कहा और उसने दबाव में आकर दूध पी लिया। थोड़ी देर बाद कालीचरण सोने के लिए कमरे में चला गया और थोड़ी देर में ही उसकी तबियत खराब होने लगी। जब ये बात उसने अपने पिता को बताई तो पिता ने बेटे के ससुराल पक्ष से उसे अस्पताल ले जाने की बात कही। लेकिन किसी ने उनकी बात न सुनी और रात लगभग एक बजे कालीचरण की मृत्यु हो गई। पिता का कहना है कि उसके बेटे और बहू में अक्सर विवाद हुआ करता था और शादी की रात भी एक बड़ा बवाल हो गया था। पिता का आरोप है कि ससुराल पक्ष वालों ने कालीचरण को दूध में कुछ मिलाकर पिला दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
मनीराम शाक्य का कहना है कि जब उसने मामले की शिकायत पुलिस थाना जौरा में करनी चाही तब उसे वहां से भगा दिया गया। इस घटना के लगभग डेढ़ साल बाद भी वह वृद्ध गरीब पिता थाने में बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रहा है। उसका कहना है कि वो अब तक कई बार एसपी मुरैना और चंबल संभागीय पुलिस कमिश्नर ग्वालियर तक गुहार लगा चुका है लेकिन कोई उसकी बात सुनने को तैयार नहीं। इस मामले में जब एमपी ब्रेकिंग न्यूज ने पुलिस से बात की तो उनका कहना था कि इस मामले में जांच अब भी जारी है और पूरी जांच के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकेगी। इसी के साथ वो मौके से सुसाइड नोट मिलने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन डेढ़ साल बाद भी जब पुलिस की जांच इतनी धीमी गति से चल रही है और सुसाइड नोट को लेकर भी कोई खुलासा नहीं किया गया तो सवाल उठने लाजमी है कि आखिर मामले को लेकर गंभीरता क्यों नहीं दिखाई जा रही।

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