नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): नवरात्र खत्म होने पर आए हैं, लेकिन प्याज का दाम लगातार लोगों को रुला रहा है। देशभर में बढ़े प्याज के दाम से लोगों की रसोई से प्याज गायब हो गया है।अब कर्नाटक में भी प्याज के दाम बढ़ गए हैं। वहीं लोगों को उम्मीद है कि नवरात्र खत्म होते कि प्याज के दाम कम हो जाए, लेकिन अगर तथ्यों की मानें तो अक्सर नवरात्र में लोगों के घरों में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल सब्जियों में कम हो जाता है, लेकिन नवरात्र खत्म होने के बाद फिर से सब्जियों में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल होगा।
ऐसे में प्याज के दाम और बढ़ने की आशंका है। कर्नाटक में रिटेल कीमतों पर प्याज का भाव 80-90 रुपये किलों तक पहुंच गया है। वहीं चेन्नई में 73 रुपये किलों तक पहुंच गया है।
दरअसल, भारत में प्याज तीन सीजन में बोयाजा जाता है। इसमें खरीफ (गर्मी), खरीफ (गर्मी के बाद) और रबी (सर्दी) शामिल है। सितंबर में खरीफ प्याज आना शुरू हो जाता है। वहीं नवंबर के बाद की खरीफ और अप्रैल के बाद से रबी प्याज का आना शुरू होता है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल और इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून में भारी बारिश ने प्याज की खोत को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसे में कर्नाटक में प्याज की खरीफ फसल (गर्मी) सितंबर में बाजारों में आती है, जो भारी बारिश के के चलते प्रभावित हुई है।
वहीं, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी बारिश ने प्याज की फसलों को बर्बाद कर दिया है। यही वजह है कि लगतार प्याज के दामों में उछाल आ रहा है।