पुणे (तेज समाचार डेस्क). पुलिसकर्मी के भाई की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार रहने के मामले में गिरफ्तार राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नगरसेवक और पुणे के पूर्व उपमहापौर दीपक मानकर की न्यायिक हिरासत की अवधि 24 अगस्त तक बढ़ा दी गई. शुक्रवार को न्यायिक हिरासत की मियाद खत्म होने से उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जहां उनकी न्यायिक हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ा दी गई. यहां से उनकी रवानगी येरवडा जेल में की गई है.
पुणे शहर पुलिस में ‘गनमैन’ के तौर पर परिचित शैलेश जगताप के भाई जितेंद्र जगताप ने चंद दिनों पहले हड़पसर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या की थी. सुसाइड नोट में उन्होंने राष्ट्रवादी के नगरसेवक दीपक मानकर औऱ अन्य लोगों के नाम लिखकर अपनी मौत के उन्हें जिम्मेदार ठहराया है. समर्थ पुलिस थाने के सामने की जमीन के व्यवहार को लेकर उनका विवाद चल रहा था. पुणे लोहमार्ग पुलिस ने मानकर व अन्य लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर इसकी जांच को समर्थ पुलिस को सौंप दिया गया.
जिला न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक गिरफ्तारी पूर्व जमानत पाने के लिए भटकते रहे मानकर ने बुधवार को लश्कर विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त के समक्ष सरेंडर कर दिया. अदालत में पेश करने के बाद उन्हें सोमवार तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया था. मगर शनिवार की देर रात छाती में दर्द की शिकायत के चलते उन्हें पुणे के ससून अस्पताल में दाखिल कराया गया. तब पुलिस ने अपने पुलिस कस्टडी का अधिकार अबाधित रख मानकर के लिए न्यायिक हिरासत की मांग की थी. इसकी मियाद खत्म होने के बाद आज उन्हें शिवाजीनगर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें 24 अगस्त तक न्यायिक हिरासत बढ़ाकर येरवडा जेल भेजा गया.
-मकोका के तहत भी हुई है कार्रवाई
गौरतलब हो कि पुलिसकर्मी के भाई की आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुणे पुलिस ने पूर्व उपमहापौर दीपक मानकर समेत 9 लोगों के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की है. पुलिस का कहना है कि मानकर का अपना एक गिरोह है, जो दहशत और गुंडागर्दी के दम पर जमीन हथियाने, अवैध रूप से कब्जा जमाने समेत कई गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम देता आया है. मानकर और उनके गिरोह पृष्ठभूमि और आपराधिक गतिविधियों के मद्देनजर उनके खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की गई.