कचरा बीननेवालियों को ‘स्वच्छता सेविका’ कहा जाए : प्रकाश जावडेकर
पुणे (तेज समाचार डेस्क). देश की महिलाओं में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता के कारण अब सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल बढ़ गया है. साथ ही इसको इस्तेमाल के बाद नष्ट करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सैनिटरी नैपकिन उत्पादकों को प्रत्येक नैपकिन के साथ इसे इस्तेमाल करने बाद नष्ट करने के लिए थैली देना बंधनकारक किया गया है. लेकिन उत्पादक इस नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. भविष्य में इस नियम को सख्त किया जाएगा और आगामी जनवरी २०२१ से सभी उत्पादकों को सैनिटरी नैपकिन के साथ थैली देना बंधनकारक होगा. यह प्रतिपादन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने यहां किया. उन्होंने साथ ही कहा कि कचरा बीननेवाली महिलाओं को भी अब स्वच्छता सेविका के नाम से संबोधित किया जाएगा.
– स्वच्छता सेविकाओं से संवाद
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के निमित्त स्वच्छ पुणे सेवा सहकारी संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम को वे संबोधित कर रहे थे. इस समय महापौर मुरलीधर मोहोल, स्वच्छ संगठन की संस्थापिका लक्ष्मीनारायण उपस्थित थे. इस समय जावडेकर ने स्वच्छता सेविकाओं से संवाद साधते हुए उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया.
– दिवाली सफाई कर्मचारियों के साथ मनाता हूं
जावडेकर ने आगे कहा कि, मैं अपनी दिवाली सदैव ही स्वच्छता सेविका और अन्य सफाई कर्मचारियों के साथ ही मनाता हूं. इससे मुझे उनके सुख-दु:ख, समस्याओं को करीब से जानना संभव होता है. जावडेकर ने कहा कि हम सभी को कचरा शेड की आवश्यकता होती है, लेकिन कचरा शेड कोई भी अपने घर के पास नहीं चाहता. हमें अपना यह दृष्टिकोण बदलने की जरूरत है.
– सांसद निधि से बनाए जाएंगे शेड
उन्होंने कहा कि मैं अपनी सांसद निधि से 50 छोटे और 50 बड़े शेड़ के लिए निधि देनेवाला हूं. यह निधि स्वच्छ संगठन द्वारा डिजाइन किए गए शेड बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
– कचरे का व्यवस्थापन करना जरूरी
जावडेकर ने आगे कहा कि, शैक्षणिक संस्था, हाउसिंग कॉलनियों को अपने ही परिसर में कचरा नष्ट करने का नियोजन करना चाहिए. वर्तमान में नगर परिषद वाले शहरों को कचरा व्यवस्थापन करना बंधनकारक है, लेकिन अब 3००० से अधिक की जनसंख्यावाले गांवों को भी कचरा व्यवस्थापन करने की सख्ती की जाएगी. इस प्रकार के छोटे-छोटे उपक्रम हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में मददगार होंगे.
– महिलाओं में होते है चार महत्वपूर्ण गुणधर्म
जावडेकर ने कहा कि महिलाओं में नियमितता, दया, धैर्य और निर्णय क्षमता ये चार महत्त्वपूर्ण गुणधर्म होते हैं. आज के इस महिला दिवस पर मैं यहां एकत्रित हुई सभी स्वच्छता सेविकाओं को नमन करता हूं, जो हमें निरोगी, हिट और फिट रखने में मदद करती है.
– विकेंद्रिकरण प्रणाली से नष्ट किया जाए कचरा
स्वच्छ संगठन की संचालक लक्ष्मीनारायण ने कहा कि कचरे कसे विकेंद्रित प्रणाली से ही नष्ट किया जाना चाहिए. इससे कचरे के यातायात पर होनेवाले खर्च की बचत होगी और यदि हम कचरे से खाद बनाएंगे तो इससे पर्यावरण की भी रक्षा होगी.
– वर्गीकरण के लिए स्वतंत्र जगह की जरूरत
3५०० स्वच्छता सेविकाओं का प्रतिनिधित्व करनेवाली राणी शिवशरण ने कहा कि कचरे के वर्गीकरण के लिए प्रत्येक वॉर्ड में स्वतंत्र जगह उपलब्ध होने पर इसका स्वच्छता सेविकाओं को काफी फायदा होगा. साथ ही वी कलेक्ट जैसे उपक्रमों के माध्यम से हमें घरों में बेकार पड़ी वस्तुओं को जमा कर उससे अतिरिक्त आय में मदद मिलेगी.