पुणे (तेज समाचार डेस्क). उदयनराजे अब युवाओं को साथ में लेकर बड़े कारखानों को यहां लाकर युवकों को रोजगार तथा किसानों के अनाज को अच्छा रेट दिलाने के लिए फिर से नया आंदोलन शुरू करें, तो उनका नेतृत्व और लंबे समय तक चलेगा. उन्हें नागरिकों के बीच जाकर उनका विश्वास फिर से हासिल करना चाहिए. एनसीपी में रहकर उन्होंने यह कार्य किया होता, तो उन्हें और बड़ा मौका मिलता था. ऐन चुनाव के मौके पर पार्टी बदलना, शायद लोगों को रास नहीं आया. यह राय सातारा के नवनिर्वाचित सांसद श्रीनिवास पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में व्यक्त की.
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार की सातारा की बारिश में हुई सभा काफी प्रसिद्ध हो गई. उसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि बारिश में भीगने की हमारी खुशी कम पड़ी. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाटिल ने कहा कि काली मिट्टी में मेहनत करने वाले किसानों को बुवाई करते समय या उससे पहले आने वाले बारिश की खुशी कुछ अलग ही होती है. बारिश की खुशी उन्हीं लोगों को होती है, जिनका रिश्ता मिट्टी से होता है. इसलिए बारिश की खुशी जैसे किसानों को होती है, वैसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नहीं हुई है. वे किसान हैं या नहीं? इसकी जानकारी मुझे नहीं है.
श्रीनिवास पाटिल ने कहा कि यह चुनाव जनता ने खुद अपने हाथों में ले लिया था. विकास के लिए पार्टी बदलने का कारण जनता को रास नहीं आया. आम जनता द्वारा तीन बार चुनकर देने के बावजूद उन्हें काम नहीं मिला था. इसका गुस्सा नागरिकों के मन में था. इसलिए वैकल्पिक उम्मीदवार मिल जाए और उसे वोट देने की इच्छा लोगों और युवाओं के मन में थी, इसलिए मैं भारी वोटों से जीता हूं. केवल 13 दिनों में पूरे निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचना संभव नहीं है. एनसीपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दिल से किये गये प्रचार से जीत हासिल हुई है. इस वक्त विधायक शिवेंद्रराजे भोसले द्वारा किए कार्यों की सराहना भी पाटिल ने की.