जोधपुर – केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज जोधपुर में जी20 एम्प्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप के सभी प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए और एम्प्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप के प्रति उनके समर्पण के लिए उनकी सराहना करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों से सभी लोगों के लिए अच्छे काम और समावेशी विकास के अवसर अधिक से अधिक सृजन करने में सार्थक प्रगति करने के लिए एक साथ प्रयास करने का आह्वान किया।
श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में एक मंत्री और जोधपुर से संसद सदस्य के रूप में, उन्हें जी20 एम्प्लॉयमेंट वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक के लिए शानदार और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण शहर जोधपुर में आने वाले प्रत्येक प्रतिनिधि का गर्मजोशी से स्वागत करने में बहुत खुशी हुई। श्री शेखावत ने इस कार्यक्रम को जोधपुर में आयोजित कराने के लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के साथ-साथ बाकी आयोजन टीम का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह शहर श्रम और रोजगार के क्षेत्र में नेताओं और विशेषज्ञों की इतनी महत्वपूर्ण सभा की मेजबानी करने के लिए सम्मानित हो रहा है और उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस बैठक की चर्चा और इसके परिणाम विश्व स्तर पर रोजगार के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
श्री शेखावत ने कहा कि वे इस बैठक के सह-अध्यक्षों, इंडोनेशिया और ब्राजील के हमारे सम्मानित सहयोगियों के बहुमूल्य योगदान और उत्साहवर्धक शब्दों के लिए आभारी हैं। इस बैठक को सफल बनाने में उनकी सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
श्री शेखावत ने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मेजबान देश के रूप में, भारत को रोजगार के महत्वपूर्ण मुद्दे का समाधान करने में जी20 का नेतृत्व करने का अवसर मिला है, जो हमारे देशों और हमारे लोगों की समृद्धि और भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जी20 की शुरुआत से ही इसमें हमारी सक्रिय भागीदारी वैश्विक सहयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सभी के लिए समृद्ध दुनिया बनाने के हमारे साझा लक्ष्य का प्रमाण है।
श्री शेखावत ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में, भारत का मानना है कि रोजगार के भविष्य को आकार देने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारा मजबूत लोकतंत्र और हमारी विविधता, हमें विभिन्न प्रकार की आवाजों और विचारों को एक साथ लाने के लिए अद्वितीय परिप्रेक्ष्य एवं शक्ति प्रदान करती है।
श्री शेखावत ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय, “वसुधैव कुटुम्बकम,” या “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” विशेष रूप से उपयुक्त है, क्योंकि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं और अपने लोगों की परस्पर संबद्धता पर चर्चा करने के लिए एक साथ हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमारी साझा मानवता और सभी के लिए एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करने के महत्व की याद दिलाने के लिए एक शक्तिशाली कारक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर भी जोर देता है कि आज हम जिन श्रम और रोजगार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान समावेशी, टिकाऊ और सभी के लिए समान होना चाहिए।
श्री शेखावत ने कहा कि वैश्विक श्रम बाजार के सामने जटिल और दूरगामी चुनौतियां हैं और केवल सहयोग एवं समन्वय के माध्यम से ही हम सार्थक समाधान खोजने की उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की मौजूदा स्थिति मौजूदा कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि कई देशों में महामारी के कारण हुई आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप बेरोजगारी में अत्यधिक वृद्धि हुई है। कई छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में नौकरी खत्म हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, आय असमानता बढ़ी है और गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कई देशों में, सरकारों को महामारी से लड़ने के लिए अधिक धन खर्च करना पड़ा है, जिसके कारण अन्य कार्यक्रमों और सेवाओं के लिए कम धन शेष बचा। इसने सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों पर दबाव डाला है। श्रमिकों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन और सहायता प्रदान करने के संदर्भ में कई देशों द्वारा प्रयास किए गए हैं, लेकिन रोजगार की स्थिति और सामाजिक सुरक्षा अभी भी चुनौतियों का सामना कर रही है।
श्री शेखावत ने कहा कि महामारी के आर्थिक आघात को कम करने के उद्देश्य से, भारत सरकार ने तत्काल राहत सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए और अपेक्षाकृत तेजी से अत्यधिक भरपाई भी हो पाई है।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से भारत ने महामारी के दौरान 800 मिलियन लोगों को खाद्यान्न वितरित किया और यह योजना आज तक जारी है। इसके अलावा, दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य आश्वासन योजना यानी आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से, भारत 500 मिलियन से अधिक लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है।
श्री शेखावत ने कहा कि 228 बिलियन रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा लाभों के प्रावधान के साथ-साथ रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित किया गया। इस योजना के अनुसार, सरकार ने दो साल के लिए 1000 कर्मचारियों तक रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारियों के संबंध में ईपीएफ के लिए 12 प्रतिशत कर्मचारियों के योगदान और 12 प्रतिशत नियोक्ताओं के योगदान यानी मजदूरी का 24 प्रतिशत का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो साल के लिए 1000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में नए कर्मचारियों के संबंध में ईपीएफ अंशदान के कर्मचारियों के हिस्से यानी वेतन का 12 प्रतिशत का भुगतान किया है।