शिरपुर ब्लास्ट :13 की दर्दनाक मौत,58 लोग घायल, सामने आया हादसे का CCTV फुटेज
शिरपुर (तेज समाचार ब्यूरो रिपोर्ट ): धुलिया जिले के शिरपुर के वाघाड़ी गांव में स्थित पेट्रो केमिकल फैक्ट्री में आज सुबह 9.30 बजे के करीब ब्लास्ट होने से 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 58 लोग घायल हो गए है. यह विस्फोट इतना भीषण था कि इसकी गूंज करीब दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी. इस हादसे में घायलों को धुलिया, शिरपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया. हादसे की सूचना मिलते ही धुलिस और आसपास के फायरब्रिगेड की कई गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गई. दोपहर बाद तक आग बुझाने का काम जारी था. फायरब्रिगेड और पुलिस के पहुंचते ही आसपास के लोगों ने भी घटनास्थल पर बचाव कार्य में अहम भूमिका अदा की. हालांकि तमाशबीनों की वजह से राहत कार्य में काफी बाधा आ रही थी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है. साथ ही देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से फोन कर घटना की जानकारी ली और अपनी संवेदनाएं व्यक्त की.
– हादसे के कारणों का पता नहीं
एसपी विश्वास पंधारे ने बताया कि अभी तक हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कई सिलेंडरों में धमाके हुए हैं. फैक्ट्री में करीब 100 से ज्यादा कर्मचारी मौजूद थे. शिरपुर एक इंडस्ट्रियल एरिया है. मौके पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची है.
– खाली हुआ वाघाडी
हादसे के बाद पूरे वाघाडी में दहशत फैल गई और लोग अपने-अपने घरों में ताला लगा कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए.
– अमित शाह ने की मुख्यमंत्री से फोन पर बात
गृह मंत्री अमित शाह ने फडणवीस से फोन पर घटना के बारे में बात की. शाह ने ट्वीट किया, कि पीड़ितों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. मैंने घटना को लेकर मुख्यमंत्री से बात की है. राज्य सरकार लोगों की जरूरत के हिसाब से हर जरूरी कदम उठा रही है.’
– कई जानवरों की मौत
केमिकल फैक्ट्री में हुए इस ब्लास्ट में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि अनेक जानकर भी मारे गए है. कुछ जानवर तो परिसर में फैली केमिकल की गंध से मारे गए, तो कुछ जानवर ब्लास्ट का शिकार भी हुए. घटनास्थल के आस-पास कुछ पशुओं की क्षतविक्षत लाशें भी देखी गई है.
– रिक्शावाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आए
घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बूलेंस और अन्य वाहनों की मदद ली जा रही थी. ऐसे में लोगों का कर्तव्य होता है कि वे इन वाहनों की राह में बाधा न बनें. लेकिन शिरपुर के रिक्शाचालकों की मानवता शायद मर चुकी है. यातायात नियमों का उल्लंघन कर ये रिक्शाचालक बेतरतीब रिक्शा खड़ी कर खड़े थे. कई ऐसे मौके भी आए, जब इन रिक्शाओं की वजह से घायल को ले जा रही एम्बूलेंस को रुकना पड़ा. विशेष यह कि वहां यातायात कर्मी खड़े रह कर तमाशा देख रहे थे, लेकिन इन यातायात कर्मियों ने इन रिक्शावालों पर कोई कार्रवाई नहीं की.