छिडवाड़ा (तेज समाचार डेस्क). पिछले करीब 18-20 महीनों से पूरे विश्व में कोरोना ने आतंक मचाया हुआ है। अभी भी लोग कोरोना के दहशत में जी रहे हैं। असंख्य लोगों ने अपनों को खो दिया, तो न जाने कितने लोगों ने अपने रोजगार गवां दिए। इस कोरोना काल में शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा होगा, जिसने कोरोना का दर्द न सहा हो। हर चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। समय की जरूरत है कि, आज हमें कोरोना के साथ, कोरोना के बीच ही अपने जीवन को आगे बढ़ाना है। ऐसे में किसी की एक मुस्कुराहट हमें उन दु:खों से उबारने में काफी है। और यदि यह मुस्कुराहट जगत की पालन हार देवी मां की हो, तो फिर कहना ही क्या।
पवन प्रजापति ने बनाई है मिट्टी की मूर्ति
छिंदवाड़ा में पवन प्रजापति नामक एक मूर्तिकार ने देवी मां की मुस्कुराती मूर्ति बनाई है। मां की मुस्कुराहट भी ऐसी कि, जो एक बार इस मूर्ति की ओर देख ले, उसके चेहरे पर अपने आप ही मुस्कुराहट लौट आए। मिट्टी से बनाई गई यह मूर्ति देखने में एकदम सजीव लगती है। मूर्तिकार का कहना है कि कोरोना काल में उन्होंने लोगों के चेहरों पर उदासी देखी। लोग अपने गमों को भूल जाएं, इसलिए देवी मां के मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ मूर्ति बनाने का विचार आया।
– मूर्ति को देख कर प्रसन्नता का अनुभव होता है
जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सिंगोड़ी में रहने वाले मूर्तिकार पवन प्रजापति की बनाई इस मूर्ति को देखने हर दिन लोग पहुंच रहे हैं। उनकी बनाई गई मूर्तियां छिंदवाड़ा ही नहीं, पड़ोसी जिले नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, सिवनी तक में चर्चित हैं। इस मूर्ति को जो भी देखता है, उसे प्रसन्नता का अनुभव होता है। पवन ने बताया कि मूर्ति को बनाने में छिंदवाड़ा के जमुनिया की लाल मिट्टी के साथ चांदामेटा की भूरी मिट्टी मिलाई जाती है। इससे मूर्ति में क्रेक नहीं आए। इसके साथ ही इसमें भूसा पैरा,लकड़ी का पटिया सहित रंगों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने बताया इन मूर्तियों को बनाने में प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित किसी भी ऐसी सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जाता जो दुर्गा पूजा में वर्जित हो।