इंदौर (तेज समाचार डेस्क). केन्द्र की भाजपा सरकार के सबसे दमदार मंत्रियों में शुमार देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को सनसनीखेज घोषणा कर सबको चौका दिया है. सुषमा ने मंगलवार को अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. सुषमा ने मंगलवार को इंदौर में यह घोषणा की. सुषमा ने स्पष्ट किया कि यह फैसला मैं अपने स्वास्थ्य को देखते हुए ले रही हूं. सुषमा के इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके पति ने उनके इस फैसले का स्वागत किया और उन्हें धन्यवाद दिया.
– विदिशा से 2009 और 2014 का चुनाव जीती थी
सुषमा मध्यप्रदेश के विदिशा से लोकसभा सदस्य हैं. वे देश की सबसे युवा विधायक और किसी राज्य की सबसे युवा कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. सुषमा 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं. 2014 में उन्होंने कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह को चार लाख से ज्यादा वोट से हराया था. सुषमा ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा. तब वे 25 साल की थीं. वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं. उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया. इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं.
– खत्म हुई 46 साल की मैराथन
सुषमा स्वराज के इस फैसले के बाद उनके पति स्वराज कौशल ने ट्वीट में लिखा, कि आपके इस फैसले के लिए धन्यवाद. मुझे वह वक्त याद आ गया, जब मिल्खा सिंह ने दौड़ना बंद कर दिया था. आपकी मैराथन 1977 में शुरू हुई थी, जिसे 41 साल हो चुके हैं. आपने 1977 से अब तक सभी चुनावों में हिस्सा लिया. हालांकि, दो बार 1991 और 2004 में पार्टी ने आपको चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी थी. आपने लोकसभा के चार कार्यकाल, राज्यसभा के तीन कार्यकाल पूरे किए. इसके अलावा तीन बार विधानसभा में भी चुनी गईं.
जब आप 25 साल की थीं, तब से चुनाव लड़ रही हैं. मैडम, मैं पिछले 46 साल से आपके पीछे भाग रहा हूं. अब मैं 19 साल का नहीं हूं. अब मैं थक गया हूं. आपके इस फैसले के लिए धन्यवाद.
– 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं. अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया. 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई. पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं.
– 1999 में बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया से हारीं
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं. इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया. मार्च 1998 में दूसरी बार अटलजी की सरकार बनने पर वे एक फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं. 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे यहां हार गईं.