युवको की गुंडागर्दी से पनपा तनाव : ठोस कार्रवाई की मांग
जामनेर (नरेंद्र इंगले): 11 अप्रैल की रात कुछ युवको ने पूर्व मंत्री गिरीश महाजन के कार्यालय प्रमुख ज्ञानेश्वर शिंदे की बेवजह धुलाई कर दी . जिसके बाद शिंदे के समर्थन मे जामनेर पहुचे ग्रामीणो ने जमकर गदर मचाया . जानकारी के मुताबिक नशे मे धुत युवको ने मामूली सी बात पर मोटर साइकिल सवार शिंदे को बुरी तरह से पीटा और फरार हो गए . शिंदे पर हुए हमले से आक्रोशित ओझर गांव के बच्चे , बूढे औरते दोषियो को खोजते बजरंगपुरा पहुचे . जहां उनका गुस्सा फूटता की तभी पुलिस ने एंट्री ली . आक्रोशित ग्रामीणो को वहां से खदेड़ा गया सभी ग्रामीण कोतवाली मे आए . ज्ञानेश्वर की शिकायत पर आरोपी योगेश चव्हाण , अनिल जगताप के खिलाफ धारा 394 , 324 , 323 , 504 तहत फौजदारी दर्ज की गई . न्याय की प्रतीक्षा मे ग्रामीण देर रात तक थाने मे बैठे रहे . पूरा किस्सा प्रकाश झा की किसी फिल्म के सीन जैसा लगता है जिसमे राजनीती के साए मे पलने वाले उपद्रवियो के पक्ष और विपक्ष के पहलू साफ दिखाई पड़ते है . जामनेर मे कुछ ऐसे असामाजिक तत्व है जिनके कारण आए दिन कानून व्यवस्था की स्थिती पैदा होती रहती है . पुलिस रेकॉर्ड मे यह उपद्रवी चिन्हित किए गए है पर ठोस कानूनी कार्रवाई के अभाव मे इन उपद्रवियो के मनसूबे ध्वस्त नही हो सके है . हर बवाल के बाद कोतवाली मे इन शरारती तत्वो के पक्ष मे नेताजी के नाम पर पहचान बना चुके परजीवी प्रशासन को प्रभावित करने के लिए हाजरी लगाते है . दूसरी ओर पीड़ित पक्ष के लोगो को न्याय के लिए कोर्ट मे लंबी लड़ाई लड़ने का हौसला जुटाना पड़ता है . अगर इसी प्रकार से सिस्टम चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब शहर को किसी अप्रिय अनहोनी का सामना करना पड़ेगा . वैसे रेकॉर्ड मे जामनेर का क्राइम रेट ज़ीरो है . आम नागरिक पुलिस से यह उम्मीद कर सकते की यह उपलब्धी केवल रेकॉर्ड मेंटेन करने भर तक न बनी रहे .