ठाकरे सरकार ने दिया जनता को झटका : महावितरण के क्षेत्रीय कार्यालयो को वसूली के आदेश
जामनेर (नरेंद्र इंगले ): बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिती काफी खराब है कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए सरकार के पास पैसा नही है . दिसंबर 2020 तक बोर्ड का 63 हजार 740 करोड़ रुपया बकाया है . इसलिए जनवरी 2021 अंत तक लंबित भुगतानो की सख्ती से वसूली की जाए ऐसे आदेश महावितरण ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयो को दे दिए है . राज्य सरकार के सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय की आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस आदेश को केवल सोशल मीडिया यूजर्स पढ़ सकते है .
कायदे से सरकार को इस आदेश को सभी प्रमुख अखबारो मे प्रकाशित करना चाहिए . ताकि बोर्ड को बकाया वसूली करने मे व्यापक जनसमर्थन मिल सकेगा . पूरे देश मे महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां बिजली बोर्ड के मनमाने भुगतान के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश को सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपने सियासी नाटक से मिलकर दबा दिया . बिजली बोर्ड के घाटे के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया और वर्तमान सरकार ने 22 फीसदी बढ़ोतरी के साथ अतिरिक्त बिजली बिलों को जनता के मत्थे मार दिया . तेजसमाचार ने कई बार खबरो के माध्यम से मसले को इस उम्मीद से उठाया की किसी कैबिनेट मे मुख्यमंत्री कोई फैसला ले और जनता को राहत प्रदान करे . लेकिन गठबंधन सरकार की मजबूरी के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने संयम का परिचय देकर इस विषय को लेकर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नही की . गरीब बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बोर्ड के घाटे को पाटने के लिए अपनी जेब से मनमाने बिलो का भुगतान कर अपने नागरिक होने का कर्तव्य निभाना पड़ेगा .