बता दें कि स्कूल प्रबंधन ने 2020-21 के फीस की घोषणा कर दी थी। जिसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दे दी गई थी। जिसके बाद लॉकडाउन में कोर्ट के आदेश के मुताबिक स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकेंगे। वहीं जिन स्कूल प्रबंधन ने फीस की घोषणा नहीं की थी। वह पिछले साल की फीस के आधार पर ही ट्यूशन फीस लेंगे। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि वैसे स्कूल अन्य किसी तरह का मद नहीं वसूल सकते हैं। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लॉकडाउन अवधि में सिर्फ ट्यूशन फी लेने के आदेश के बाद अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन में स्कूल फीस को लेकर हंगामे की स्थिति पनप गई थी। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने फैसले में आदेश देते हुए कहा था कि स्कूल लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे। जिसके बाद अभिभावकों का आरोप है कि कई स्कूलों ने साल भर की फीस को भी ट्यूशन फीस में शामिल कर दिया है।
वहीं स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बना रहे हैं। जिसे बाद एक बार फिर जबलपुर हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को फैसला देते हुए कहा था कि स्कूल प्रबंधन ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होनी है। जहां कोर्ट ने स्कूल प्रबंधन सहित अभिभावकों को अपना पक्ष रखने की बात कही है। वहीं इन दोनों के बीच मध्यस्थता की भी बात कही गई है।