नई दिल्ली ( New delhi ) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है. अमेरिका ने भारत को 297 नायाब वस्तुएं लौटाई हैं, जो तस्करी के जरिए देश से बाहर चली गई थीं. इन वस्तुओं में प्राचीन कलाकृतियां और मूर्तियां शामिल हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. बहुमूल्य और प्राचीन वस्तुओं की चोरी व तस्करी लंबे समय से गंभीर समस्या रही है.
इससे पहले भी वर्ष 2014 के बाद से, भारत को विदेशों से कुल 640 बहुमूल्य धरोहरें वापस मिल चुकी हैं. इनमें से अकेले अमेरिका द्वारा ही 578 वस्तुएं लौटाई गई थीं. वर्ष 2021 और 2023 में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान कई प्राचीन वस्तुएं भारत को लौटाई गई थीं. 2021 में 157 वस्तुएं और 2023 में 105 वस्तुएं वापस मिली थीं. इसमें 12वीं शताब्दी की नटराज की मूर्ति भी शामिल थी. इसके अलावा, यूके से 16 और ऑस्ट्रेलिया से 14 कलाकृतियां भी वापस प्राप्त की गई हैं. इससे पहले वर्ष 2004 से 2013 तक केवल एक ही कलाकृति भारत को विदेश से मिल पाई थी.
इस उपलब्धि के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई और सांस्कृतिक संबंध और मजबूत हो रहे हैं. विदित हो कि गत जुलाई 2024 में, नई दिल्ली में 46वीं वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के दौरान अमेरिका और भारत के बीच एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते के तहत सांस्कृतिक वस्तुओं की अवैध तस्करी पर रोक लगाने के प्रयास किया जाना तय था. विगत 10 वर्षों में, भारत ने अपने प्राचीन खजाने को वापस पाने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, और इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. सूत्रों का कहना है कि वैश्विक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत संबंधों ने इन धरोहरों को वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.