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खुखरायण ओ.पी. कोहली, शिक्षाविद् से राज्यपाल तक

Tez Samachar by Tez Samachar
September 21, 2025
in Featured, दुनिया, विविधा
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खुखरायण ओ.पी. कोहली, शिक्षाविद् से राज्यपाल तक

( विशाल चड्ढा ) राष्ट्र के निर्माण में खुखरायण समाज की बड़ी भूमिका रही है. खुखरायण समाज के नायब हीरे देश विदेश में उच्च पदों पर आरूढ़ रहे हैं. इन्ही में से एक चर्चित नाम रहा है पूर्व राज्यपाल ओ. पी. कोहली का !

गुजरात एवं मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और राज्यसभा सांसद रहे खुखरायण ओम प्रकाश कोहली उर्फ़ ओ.पी.कोहली शिक्षाविद् व् कुशल राजनीतिज्ञ रहे हैं.

खुखरायण ओ.पी.कोहली का जन्म 9 अगस्त,1935 को नई दिल्ली में पिता स्वर्गीय श्री मनोहर लाल कोहली व माता स्‍वर्गीय श्रीमती शिवदेवी के घर हुआ. हाल ही में खुखरायण ओम प्रकाश कोहली उर्फ़ ओ.पी.कोहली का सोमवार, 20 फरवरी,2023 को 87 वर्ष की आयू में निधन हो गया.

खुखरायण ओ.पी.कोहली के उपरान्त बेटा विशु  कोहली दो बेटियां सुश्री सुपर्णा कोहली व् ऋतू कोहली मौजूद हैं. विगत कोरोना काल में श्री ओ.पी. कोहली की पत्नी  श्रीमती अविनाश कोहली का स्वर्गवास हो गया था. तब से वह अपनी छोटी बेटी ऋतू कोहली के साथ नोएडा में रहा करते थे.

छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे ओ.पी.कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में परास्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय से प्रभाकर शिक्षित थे. उन्हें प्रयाग से साहित्य रत्न भी प्राप्त था. अपने प्रारंभी दौर में खुखरायण ओ.पी. कोहली हंसराज कालेज ,दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय पार्लियामेंट के पी.एम.भी रहे. इसके अलावा वह वर्ष 1973-79 में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय स्‍टूडेंट्स यूनियन (डूसू) की कार्यकारी मंडल के सदस्‍य, नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एन डी टी एफ) के अध्यक्ष एवं लगातार तीन वर्ष तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के अखिल भारतीय अध्‍यक्ष भी रहे.

खुखरायण ओ.पी.कोहली ने लगभग 37 वर्ष तक दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के हंसराज कालेज एवं देशबंधु कालेज में व्याख्याता रहे एवं वर्ष 1994 में वह रीडर पद से सेवानिवृत्त हुए . उन्होंने रामजस स्कूल और खालसा स्कूल, नई दिल्ली में अपना अध्ययन पूरा किया.

ओ.पी.कोहली वर्ष 1991 में सक्रीय राजनीति में आये और उन्होंने दिल्ली भाजपा की कमान संभाली. वह वर्ष 1991-95 एवं 2009-10 के बीच तीन बार दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे और वर्ष 1994 – 2000 तक राज्यसभा में भी दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया. वह राज्य‍ सभा की आवासीय समिति एवं पटल पर रखे गए पत्रों संबंधी समिति तथा शहरी और ग्रामीण विकास और वित्तख संबंधी स्थासयी समितियों के सदस्य  रहे.  भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य के रूप में ओ.पी.कोहली ने जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में संगठन प्रभारी के रूप में कामकाज भी  देखा. राष्ट्रिय स्तर पर पार्टी में उच्च पदों को विभूषित करते हुए खुखरायण ओ.पी.कोहली भाजपा के राष्ट्रीय सचिव, भाजपा की केन्द्रीय अनुशासन समिति के सचिव एवं अध्यक्ष तथा भाजपा के मुख्यालय प्रभारी भी रहे.

 

विभाजन के दौरान खुखरायण परिवारों ने सर्वाधिक त्रासदी झेली थी. यही कारण था कि उस दौर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहयोग के कारण देश में सुरक्षित पुनर्वसन करने वाले परिवार सीधे संघ से जुड़ गए. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े होने के कारण ओ.पी.कोहली को आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 19 माह दिल्ली्, आगरा और वाराणसी की जेलों में रखा गया.

खुखरायण ओ.पी.कोहली वर्ष 2014 से 2019 तक गुजरात के राज्यपाल थे. उन्होंने सितंबर 2016 से जनवरी 2018 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था. संविधान के इस उच्च पद पर किसी खुखरायण का पहुंचना समाज के लिए हमेशा गौरव की बात रहेगी.

ओ.पी.कोहली हमेशा से बेबाक टिपण्णी व् स्पष्ट वक्ता की छवि रखते थे.गुजरात के विश्वविद्यालयों में रिसर्च के घटिया स्तर पर राज्यपाल ओ.पी.कोहली ने चिंता जताते हुए कहा था कि यह विश्वविद्यालय ‘पीएचडी पैदा करने वाली फैक्ट्रियां’ बन गए हैं। उस समय ओ.पी.कोहली ने शिक्षाविद् होने के नाते कहा था कि रिसर्चर्स अपनी थीसिस के लिए पर्याप्त रूप से मेहनत नहीं करते हैं. उनका कहना था कि यहां दो तरह के रिसर्च किए जाते हैं, एक रिसर्च ऐसे लोग करते हैं जो असिस्टेंट प्रोफ़ेसर से असोसिएट प्रोफ़ेसर या असोसिएट प्रोफ़ेसर से प्रोफ़ेसर पद पर प्रमोशन चाहते हैं. इस तरह के मामलों में कैंडिडेट्स अपने रिसर्च पर कड़ी मेहनत नहीं करते हैं. इसलिए हमारी यूनिवर्सिटियां पीएचडी पैदा करने वाली फैक्ट्रियां बन गई हैं.

 

कुछ इसी तरह से ओ.पी. कोहली ने कश्मीर विषय पर अपनी राय रखते हुए दावा किया था  कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का झुकाव शेख अब्दुल्ला के पक्ष में था जबकि वह राजा हरि सिंह से विपरीत मत रखते थे और इसी बात ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को ‘जटिल’ बनाने में बड़ी भूमिका निभायी. खुखरायण ओ.पी.कोहली ने यह टिपण्णी अपनी बेटी ऋतू कोहली की पुस्तक ‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और कश्मीर समस्या’ का विमोचन करते हुए कही थी. अपने वक्तव्य में श्री कोहली ने कहा था कि देश के सामने अब घटनाओं को सही रूप में रखने का वक्त और जरूरत है. उन्होंने कश्मीर के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कार्य की भी सराहना की थी. देश – विदेश में फैले खुखरायण समाज को अपने इन नायाब रत्नों पर हमेंशा से अभिमान रहा है. खुखरायण युवाओं के लिए खुखरायण ओ.पी.कोहली हमेशा आदर्श रहेंगें.

विनम्र श्रद्धांजलि !!

 

 

 

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