नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद पहले दिन से ही एक-एक कर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को बदलने वाले जो बाइडन को भारत और जापान की ताकत का एहसास हुआ है। शायद यही कारण है कि पहले इन दोनों देशों को नाराज करने वाले फैसलों के बाद इन अमेरिका ने दोनों देशों को अपने पक्ष में करने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, इंडो पैसिफिक में QUAD की महत्ता देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति ने QUAD के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक बुलाई है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापानी प्रधानमंत्री सुगा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – एक वर्चुअल मंच पर अपनी पहली बैठक आयोजित करेंगे। यह बैठक वाशिंगटन के इशारे पर होगी। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि अतीत में, QUAD बैठकों में उच्चतम स्तर पर चारो देशों के विदेश मंत्री शामिल होते थे।इस बार, चारो देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच यह बैठक आयोजित हो रही है जिसमें राष्ट्रपति बाइडन भी शामिल होंगे। इससे स्पष्ट पता चलता है कि अमेरिका अब एक बार फिर से QUAD और उसमें शामिल देशों को महत्व देना शुरू किया है।बता दें कि अमेरिका में जो बाइडन की सत्ता आने के बाद से ही दुनिया का सबसे बड़ा चीन-विरोधी गुट यानि Quad कमज़ोर पड़ता दिखाई दे रहा था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को काउंटर करने के लिए QUAD को ही अपना प्रमुख हथियार बनाया था।परन्तु जिस तरह से बाइडन चीन के लिए एक नर्म रुख अपना रहे थे, उससे भारत और जापान दोनों को चीन से निपटने के लिए अकेले ही तैयार होना पड़ा था।फरवरी महीने में ही जब बाइडन प्रशासन के अंतर्गत Quad के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई थी तो अन्य तीन देशों के विदेश मंत्रियों के पास अमेरिकी विदेश मंत्री Antony Blinken के लिए बेहद सख्त संदेश था। संदेश यह था कि अमेरिका को ना सिर्फ Quad में अपनी भूमिका को और अधिक सक्रिय करना होगा, बल्कि अगर अमेरिका अपनी भूमिका निभाने में असफल रहता है तो उसकी जगह लेने के लिए पहले ही फ्रांस, UK, जर्मनी और रूस जैसे देश तैयार हैं।इस संदेश का असर यह हुआ कि बाइडन प्रशासन को भी अपने वक्तव्य में “Free and Open Indo Pacific” पर ज़ोर देना पड़ा, जबकि कुछ दिनों पहले तक बाइडन प्रशासन “Secure and Prosperous” इंडो-पैसिफिक रणनीति को आगे बढ़ाने की बात कर रहे थे। यही कारण है कि भारत और जापान की बढ़ती ताकत के बाद अब एक बार फिर से जो बाइडन ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है।इसके बाद अब बाइडन ने सिर्फ QUAD के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक ही नहीं बुलाई है बल्कि और भी कई कदम उठाये जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भारत और जापान दोनों से अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन इस महीने भारत के दौरे पर आएंगे।यह यात्रा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के महत्व और वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आयोजित की जा रही है.
अमेरिका को यह पता है कि अगर उसे ताकतवर बने रहना है तो ताकतवर सहयोगियों की भी आवश्यकता पड़ेगी और वह भारत के बढ़ते प्रभाव को नजरंदाज नहीं कर सकता। नए अमेरिकी रक्षा सचिव की भारत यात्रा के बाद अन्य इंडो-पैसिफिक देशों में भी जाने की संभावना है। यानि अगला देश जापान हो सकता है। जापान के साथ तो अमेरिका 2+2 मंत्रियों की बैठक भी करेगा।Asia Nikkei की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन अपने जापान के समकक्षों से मिलने के लिए मध्य मार्च की शुरुआत में जापान का दौरा करेंगे। हमने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जापान और भारत, दोनों अमेरिका को यह संदेश दे चुके हैं कि अगर अमेरिका की ओर से चीन के खिलाफ आक्रामकता दिखाने में कोई आनाकानी की जाती है, तो ये दोनों देश Quad में मुख्य भूमिका निभाने से परहेज़ नहीं करेंगे।अब QUAD की ड्राइविंग सीट पर स्पष्ट रूप से भारत और जापान बैठे दिखाई दे रहे हैं और ऐसी स्थिति में बाइडन के पास भी इन देशों का साथ देने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है! यही कारण है कि अब उन्हें इन दोनों देशों के साथ डैमेज कंट्रोल करते हुए संबंधों को बढ़ाने की कोशिश में जुटा है।