पुणे (तेज समाचार डेस्क). अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार करने के मामले में हैवान पिता को कोर्ट ने 30 साल की सख्त सजा सुनाई है. अदालत ने बलात्कारी को चिकित्सा साक्ष्य और सरकारी वकील द्वारा मजबूत पक्ष के आधार पर सजा सुनाई. मूल रूप से उत्तर प्रदेश से आकर कोंढवा खुर्द में रहने वाले 37 साल के दोषी पिता को विशेष न्यायाधीश के. के. जहागीरदार ने सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
इस तरह घिनौनी हरकत के बाद आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए. ताकि समाज में एक अच्छा मैसेज जा सकते और लोगों में डर बने. ऐसी मांग विशेष सरकारी वकील अरुंधती ब्रम्हे ने कोर्ट से की थी. चिकित्सा साक्ष्य, जांच अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक स्वराज पाटील की गवाह और प्रथमवर्ग न्याय दंडाधिकारी के पास पीड़ित की गवाही अपराध साबित करने के लिए महत्पूर्ण है. न्यायालय के कामों में पुलिस हवालदार सचिन शिंदे, पुलिस शिपाई अंकुश केंगले ने मदद की.
यह घटना जून से अक्टूबर 2019 के दौरान घटी. पीड़ित लड़की चार बहन, भाई, माता-पिता सभी कोंढवा में रहते हैं. पीड़ित लड़की कक्षा 8 में पढ़ाई करती है. घटना से पहले एक साल से आरोपी ने पीड़ित के साथ दुष्कर्म किया था. आरोपी ने यह बात किसी को न बताने की धमकी दी थी. फिर जून में स्कूल शुरू हुआ. इस दौरान घर में कोई न होने पर पिता ने फिर से पीड़ित के साथ बलात्कार किया.
इस बार भी किसी को कुछ बताने से माना किया था. इस दौरान एक दिन पीड़ित ने यह बात अपनी मां को बताई. बार-बार बलात्कार करने पर लड़की गर्भवती हो गयी. अचानक उसका गर्भपात हो गया. फिर 10 अक्टूबर, 2019 को उसने अपनी मां के बगल में सो रही पीड़िता के साथ बलात्कार करने की कोशिश की. विरोध करने पर दोनों की पिटाई कर दी. मां ने तब शिकायत दर्ज कराई.
अदालत ने बाल यौन उत्पीड़न निरोधक अधिनियम (पास्को) की धारा 4 के तहत 30 साल का कठिन श्रम और जुर्माना 10,000 रुपये, 323 (हमला) के तहत 1 वर्ष का कठिन श्रम, 506 (धमकाने) के तहत 6 महीने का कठिन श्रम, 5 साल का कठिन श्रम और पास्को 8 के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना, पास्को को 12 के अनुसार 1 साल की कड़ी सजा सुनायी गयी है.
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