इंदौर (तेज समाचार डेस्क). आपदा को अवसर में बदलने की बात को लोगों ने शायद गलत अर्थ में ले लिया है. कोरोना को बढ़ते मामलों के बीच कुछ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन का कालाबाजार करने लगे हैं. राजेंद्र नगर पुलिस ने महामारी में मुनाफाखोरी करने वाले युवक को गिरफ्तार किया है. वह पीड़ित परिवार को रेमडेसिविर 22 हजार रुपए में बेचने जा रहा था. सूचना पर राजेंद्र नगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
_ घेराबंदी कर पुलिस ने पकड़ा
राजेंद्र नगर पुलिस को सूचना मिली थी, एक व्यक्ति रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाला है. उसने पीड़ित परिवार से इंजेक्शन देने के लिए 22 हजार रुपए में सौदा किया है. इस पर टीम ने बताए स्थान पर घेराबंदी की. हुलिए के आधार पर युवक को दबोचा. उसके पास एक बैग मिला. तलाशी लेने पर उसके भीतर से इंजेक्शन और कुछ मेडिकल उपकरण मिले. पूछताछ में युवक ने अपना नाम नीलेश बताया.
जम कर फायदा उठा रहे अपराधी
एसटीएफ ने गुरुवार को चिड़ियाघर के पास रेमडेसिविर बेच रहे एमआर राजेश पिता जगदीश पाटीदार निवासी राऊ और उसके दोस्त ज्ञानेश्वर पिता धनराज बारसकर निवासी भमौरी को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में कबूल किया है, ये इंजेक्शन वे विजयनगर स्थित राज मेडिकल के अनुराग पिता घनश्याम सिंह निवासी स्कीम 114 से खरीद कर लाए थे. तीनों से 12 इंजेक्शन जब्त किए गए थे. गुरुवार को पीथमपुर स्थित फार्मा कंपनी इपोक के मालिक डॉ. विनय शंकर त्रिपाठी निवासी रानीबाग से 20 लाख रुपए के 400 इंजेक्शन जब्त किए गए थे. क्राइम ब्रांच एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के अनुसार वह हिमाचल में अवैध रूप से इंजेक्शन बनाकर यहां बेचने लाया था.