पुणे (तेज समाचार डेस्क). आपदा को अवसर में बदलने के मामले में अपराध जगत सबसे आगे है. इन लोगों को आपदाकाल में भी स्वयं का स्वार्थ महत्वपूर्ण लग रहा है. मौके का फायदा उठाते हुए ये लोग आम लोगों को ठगने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. इस समय कोरोना महामारी में कारगर रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जमाखोरी और कालाबाजारी जम कर हो रही है. इसमें नेताओं से लेकर डॉक्टर्स और सटोरिए जम कर चांदी काट रहे हैं. मामला पुणे के करीब शहर पिंपरी चिंचवड़ का है.
कोरोना के इलाज में उपयुक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के खिलाफ लगातार जारी कार्रवाई की कड़ी में पुणे पुलिस ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा की एक नगरसेविका के पुत्र को गिरफ्तार किया है। पुणे पुलिस ने तीन अलग अलग कार्रवाई में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन कार्रवाईयों में छह इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। इस बारे में खडकी, अलंकार और डेक्कन पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें से खड़की पुलिस में दर्ज मामले में पिंपरी चिंचवड़ मनपा की भाजपा समर्थित निर्दलीय मोर्चा की एक नगरसेविका का पुत्र भी गिरफ्तार किया गया है।
खडकी पुलिस थाने में दर्ज मामले में शुभम नवनाथ आरवडे (22) और वैभव अंकुश मलेकर (20) नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से दो इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। इनमें शामिल वैभव मलेकर पिंपरी चिंचवड मनपा की नगरसेविका साधना मलेकर का पुत्र है। वह चिखली प्रभाग से निर्दलीय नगरसेविका चुनी गई हैं। उनके समावेश वाले निर्दलीय नगरसेवकों के मोर्चे ने मनपा के सत्तादल भाजपा को समर्थन दिया है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में नगरसेविका के पुत्र की गिरफ्तारी से शहर के सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।
बहरहाल पुणे पुलिस की अलग अलग कार्रवाई में डेक्कन पुलिस ने राहुल सुनील खाडे (22) और विजय दिनकर पाटील (31) को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन रेमेसीडेवीर इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। अलंकार पुलिस ने विष्णु रामराव गोपालघरे (34) को गिरफ्तार उसके पास से एक इंजेक्शन बरामद किया है। इन आरोपियों ने गैरकानूनी तरीके से रेमेडिविविर इंजेक्शन प्राप्त किया था और इसे अपने कब्जे में रखा था। वे इन इंजेक्शनों को अपने वित्तीय लाभ के लिए अपने कानूनी मूल्य से अधिक अवैध रूप से बेचने जा रहे थे। साथ ही डॉक्टर के पर्चे के बिना इन इंजेक्शनों को बेचने जा रहे थे।