पुणे (तेज समाचार डेस्क)। महामारी कोरोना से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभा रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में गत माह 21 जनवरी को भीषण आग लगी थी। सीरम के टर्मिनल एक गेट के पास स्थित एक इमारत की चौथी और पांचवी मंजिल में यह आग लग गई थी, जिसमें पांच मजदूरों की मौत हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। यह उच्च स्तरीय जांच पूरी हो गई है जिसमें के भीषण आग के पीछे शॉर्ट सर्किट ही असली वजह थी।
उपमुख्यमंत्री और पुणे जिले के पालकमंत्री अजीत पवार ने उक्त जानकारी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, सीरम के परिसर में जहां आग लगी थी, वह खाली था और वहां कामकाज जारी था। यह एक निजी संस्थान है और वे लोग अपना ऑडिट कर रहे हैं। सरकार भी जांच कर रही है। शार्ट सर्किट के अलावा आग लगने की कोई और वजह नहीं थी। ज्ञातव्य है कि सीरम के पुणे प्लांट में ही कोरोना से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन बनाई जाती है। हालांकि, कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया था कि कोवीशील्ड के उत्पादन पर इस आग का कोई असर नहीं हुआ है।
बहरहाल कोविड-19 टीकाकरण अभियान के बारे में अजीत पवार ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुरुआत में बयान दिया था कि केंद्र सभी लोगों को टीका मुहैया कराएगा। बाद में उन्होंने यह बयान दिया कि वे पैरामेडिकल कर्मी और सुरक्षा बलों सहित तीन करोड़ लोगों को टीका उपलब्ध कराएंगे और अब, उन्होंने एक बयान में कहा है कि 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाएगा। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य मंत्री अलग-अलग बयान दे रहे हैं, लेकिन यदि आप राज्य सरकार का विचार जानना चाहते हैं तो हर राज्य को ऐसा महसूस हो रहा कि टीका मुहैया कराना केंद्र की जिम्मेदारी है। यदि सभी राज्य केंद्र से अनुरोध करेंगे तो उसे उनकी मांग माननी पड़ेगी।