– गुलाबराव देवकर को 5 साल की सजा
जलगांव (तेज समाचार डेस्क). जलगांव के बहुचर्चित घरकूल घोटाले के आरोपियों को आज सजा सुनाई गई. इस मामले में प्रमुख आरोपी सुरेश जैन को अदालत ने 7 साल की कैद सहित 100 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं गुलाबराव देवकर को 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. घरकूल घोटाले को लेकर आए इस रिजल्ट से जलगांव समेत संपूर्ण जिले में तहलका मच गया है. वहीं इसी घोटाले के साथ बाहर आए अन्य घोटालों की जांच पड़ताल, न्यायालयीन कामकाज और आरोपियों को होनेवाली सजा के चर्चे से शहर का माहौल गर्माया हुआ है.
– दोपहर से ही शहर में थी हलचल
शहर में दोपहर 12 बजे के बाद से धुलिया की विशेष अदालत से आ रही ख़बरों को लेकर ही हलचल मची हुई थी. दोपहर के समय घोटाले के आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेजने की खबर पर, तो आरोपियों के घरों पर सन्नाटा छाया हुआ था. उनके रिश्तेदार धुलिया पहुंच रहे थे, तो कुछ मोबाइल पर ही वहां की हलचल से परेशान नजर आ रहे थे. अदालत के फैसले का आम लोगों ने स्वागत किया, तो आरोपियों के समर्थकों ने नाराजगी जताई.
तत्कालीन जलगांव नगर पालिका ने शहर में विकास करने की दृष्टि से कई योजनाएं हाथ ली थी. घरकूल योजना, हवाईअड्डा, वाघुर पाईप लाईन, आईबीपी, स्टार्च फैक्ट्री, भूकंप सहायता निधि ऐसी ये पांच योजनाएं थी. दरमियान तत्कालीन नगरसेवक नरेंद्र भास्कर पाटिल ने इन योजनाओं में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया. पाटिल ने सिर्फ आरोप ही नहीं लगाया, बल्कि शहर और जिलापेठ पुलिस थानों में शिकायतें भी की. पाटिल के अनुसार सभी पांच योजनाओं में साढ़े छह सौ करोड़ रुपयों का गैर व्यवहार हुआ है. पाटिल ने खंडपीठ का सहारा लेने से पुलिस ने अंत में इस प्रकरणों को लेकर आरोपियों के खिलाफ गुनाह दर्ज कर लिया.
– अपर पुलिस अधीक्षक इशू सिंधू ने जांच को गति दी
गुनाह दर्ज होने के पांच साल तक जांच पड़ताल आगे ही नहीं बढ़ी. इसी दौरान तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक इशू सिंधु ने जांच पड़ताल कर तत्कालीन नगर पालिका के नगराध्यक्ष प्रदीप रायसोनी को हिरासत में लिया. रायसोनी को जेल में भेजते ही पूर्व मंत्री सुरेश जैन ने जेल अधीक्षक को लेकर लिखकर रायसोनी से मुलाक़ात की. इसी समय स्पष्ट हो गया था कि रायसोनी सरकारी गवाह बन सकते है. दरमियान आरोपों को लगते देख जैन सिंधु के भी पास पहुंचे और पुलिस को चैलेंज किया था कि वह उनके सभी साथी और शिकायत के अनुसार आरोपी माने गए समर्थकों को गिरफ्तार करके दिखाएं. जांच में जुटे सिंधु ने पाया कि घरकूल घोटाले में तो सुरेश जैन ही मुख्य आरोपी है.
– गिरफ्तारी की भनक लगते ही मध्यप्रदेश भागा जैन
जैन को अपने गिरफ्तारी की भनक लगते ही वह धरणगांव मार्ग से मध्यप्रदेश की ओर निकले थे. लेकिन सिंधु ने उन्हें वहां से पकड़कर लाया. पाटिल ने साढ़े छह सौ करोड़ रुपयों का घोटाला होने की शिकायत की थी, तो पुलिस ने 365 करोड़ रुपयों का घरकूल घोटाला बताकर जांच शुरू कर जैन समेत गुलाबराव देवकर, विधायक चंद्रकांत सोनवणे, विजय कोल्हे, सिंधु कोल्हे समेत बड़ी टीम को गिरफ्तार कर धुलिया की जेल में भेज दिया. पुलिस ने हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के सामने रखें कागजातों में स्पष्ट रूप से बताया कि नगर पालिका ने हाथ ली योजनाओं में अनियमितता तथा गैर व्यवहार हुआ है. यांत्रिकी मंजूरी न रहते हुए भी नगर पालिका ने 1994 ने प्रस्ताव पारित कर हवाईअड्डा विकास के लिए 9 करोड़ 74 लाख रुपयों का टेंडर निकाला. नपा ने इस समय मुंबई की एटलांटा इन्फ्रास्टक्चर प्रालि.कंपनी का ज्यादा दामवाला टेंडर गलत ढंग से मंजूर किया. जब की अब घरकूल प्रकरण को लेकर अदालत का इतना बड़ा फैसला आया है तो इसकी चर्चा के साथ ही अन्य प्रकरणों को लेकर भी शहर में चर्चाओं का माहौल गर्माया हुआ है.दिनभर सारे शहर की नजरें धुलिया से आ रही ख़बरों की ही ओर थी.
प्रमुख घटनाक्रम
27 जनवरी 2006 : तत्कालीन मनपा आयुक्त प्रवीण गेडाम ने शहर पुलिस थाने में 45 पन्नों की अंग्रेजी में फ़रियाद दी. जिसे लेकर तत्कालीन पदाधिकारियों, सुरेश जैन समेत 90 लोगों के खिलाफ गुनाह दाखिल हुआ.
28 दिसंबर 2011 : तत्कालीन नगराध्यक्षा सिंधु कोल्हे, पुष्पा पाटिल, चत्रभुज सोनवणे और लक्ष्मीकांत चौधरी की अग्रिम जमानत के लिए अदालत में दौड़.
29 दिसंबर 2011 : जमानत अर्जी ठुकराई.
28 जनवरी 2011 : प्रदीप रायसोनी, मेजर वाणी, राजा मयूर और पीडी काले गिरफ्तार.
1 फरवरी 2012 : लक्ष्मीकांत चौधरी और चत्रभुज सोनवणे की जांच.
17 फरवरी 2012 : जांच अधिकारी इशू सिंधु और प्रवीण गेडाम के खिलाफ विजय वाणी ने औरंगाबाद खंडपीठ में अवमान याचिका लगाईं.
20 फरवरी 2012 : रायसोनी, वाणी, काले की जमानत अर्जी ठुकराई.
10 मार्च 2012 : सुरेश जैन को रात 11.50 बजे धरणगांव के पास हिरासत में लिया और रात 1.30 बजे गिरफ्तार किया.
11 मार्च 1012 : सुरेश जैन को 19 मार्च तक पुलिस कष्टडी.
17 मई 2012 : 17 मई 2012 तत्कालीन पालकमंत्री गुलाबराव देवकर समेत 46 लोगों को जांच पड़ताल के लिए पुलिस थाने में हाजिर रहने का नोटिस.
21 मई 2012 : देवकर समेत 19 संदिग्ध गिरफ्तार,इसी दिन जमानत मंजूर.
4 जुलाई 2012 : खंडपीठ ने देवकर को 18 जुलाई को हाजिर होने का आदेश दिया.
27 जुलाई 2012 : गुलाबराव देवकर गिरफ्तार,इसी दिन रिमांड रिपोर्ट खंडपीठ के सामने रखा गया.
2 सितंबर 2016 : सुप्रीम कोर्ट से सुरेश जैन की जमानत मंजूर.
4 सितंबर 2016 : धुलिया जेल से रिहा जैन जलगांव पहुंचे.