दो कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी शिरडी – संगमनेर सड़क की दुर्दशा
जामनेर (नरेंद्र इंगले): महाराष्ट्र की राजनीती मे अहमदनगर जिले का अपना एक रसूख है . सरकार किसी भी पार्टी की हो इस जिले ने हमेशा कैबिनेट मे अपना दबदबा कायम रखा . सिंचाई और गन्ना खेती के लिए मशहूर इस जिले के शिरडी और संगमनेर के बीच की 40 किमी लंबी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है . शिरडी ( राहता ) पूर्व मंत्री राधाकृष्ण विखे और संगमनेर वर्तमान राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात का निर्वाचन क्षेत्र है . पुणे से संगमनेर होकर लाखो साँईभक्त इसी सड़क से बाबा के मंदिर तक पहुचते है . कोरोना के कारण फिलहाल मंदिर बंद है इसलिए यातायात कम है . गन्ना कारखानो के लिए भारी वाहनो के आवागमन की रफ्तार सड़क के खराब होने से धीमी है . राज्य की आघाडी सरकार मे PWD मंत्रालय कांग्रेस के अशोक चव्हाण के पास है . बीते अंतरिम बजट मे PWD के लिए 11 हजार करोड़ का निधि आबंटित किया गया था . थोरात कांग्रेस कोटे से राजस्व मंत्री है . वही नेवासा से शंकरराव गडाख सिंचाई ( कैबिनेट ) और प्राजक्त तनपुरे राज्यमंत्री है . ठाकरे सरकार मे अहमदनगर को ढाई मंत्रिपद मिले है . बावजूद बुनियादी सुविधाओ को लेकर नेताओ मे घोर उदासीनता है . 8 मार्च को राज्य का बजट पेश किया जाना है . कोरोना के कारण वित्तीय घाटा बढ़ना तय है . अगर राज्य सरकार आर्थिक रूप से शिरडी संगमनेर सड़क के निर्माण मे सक्षम नही है तो इस सड़क को केंद्र को ट्रांसफर कर देना चाहिए ऐसा मतप्रवाह आम लोगो मे व्यक्त किया जा रहा है . इसी तरह का हाल जलगांव जिले के बोडवद – मलकापुर ( बुलडाणा ) सड़क का है . इस सड़क से नासिक अमरावती यह दो प्रादेशिक और खानदेश विदर्भ यह दो प्राकृतिक विभाग आपस मे जुड़ते है .