नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). देश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए है और अनुमान लगाए जाने लगे जाने लगे है. अधिकतर एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को 300+ बताया गया है और संभावना जताई जा रही है कि देश में एक बार फिर मोदी सरकार ही बनेगी. हालांकि कुछ प्रदेशों में हिंसा की खबरों के बावजूद चुनाव शांति पूर्ण रहा. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब के कुछ मतदान केन्द्रों पर हुई हिंसा ने इस चुनाव पर दाग लगा दिया है. सोशल मीडिया पर कई ऐसी तस्वीरे भी देखने को मिली, जहां कार्यकर्ता लोगों की उंगली पकड़ कर मतदान करा रहा है. इस सभी बातों के मद्देनजर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को चुनाव आयुक्त से मुलाकात की. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान हिंसा से प्रभावित मतदान केंद्रों पर दोबारा वोटिंग कराई जाए. इस बार चुनाव में सबसे ज्यादा हिंसा पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में हुई.
– प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. गोयल ने कहा, ”हमने आज चुनाव आयुक्त से मुलाकात की और उन्हें लोकसभा चुनाव के सभी चरण में जहां-जहां हिंसा हुई, उसकी जानकारी दी. हमने चुनाव आयुक्त से मांग की है कि प. बंगाल में कई भाजपा नेताओं पर झूठे केस दर्ज कराए गए हैं. ये सभी केस भी वापस लिए जाएं.”
– ममता ने धमकी दी
गोयल ने कहा, कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धमकी दी है कि वे वोट न देने वाले लोगों को चुनाव नतीजों के बाद परिणाम भुगतने होंगे. इसके खिलाफ भी आयोग से शिकायत की है. साथ ही मांग की है कि आचार संहिता खत्म होने तक केंद्रीय सुरक्षा बल हिंसा प्रभावित राज्यों में तैनात रहें. रेल मंत्री ने बताया, कि हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कराई जाए. मतगणना के दौरान रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति को ईवीएम स्टॉन्ग रूम में प्रवेश न दिया जाए. पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में मतगणना के दौरान पर्यवेक्षक और प्रमुख पर्यवेक्षक हर समय मौजूद रहें.